मीडिया में कायस्थ समाज को ओबीसी में रखने की बात भ्रम, कायस्थ है प्रबुद्ध समाज ,भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी का वीडियो वायरल
कायस्थ समाज को उत्तर प्रदेश में ओबीसी में रखने के मीडिया में आई खबरों को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह स्पष्ट कह रहे है कायस्थ समाज को ओबीसी में रखने की बातें अफवाह है हालांकि एनसीआर खबर इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है
वायरल वीडियो में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी किसी कार्यक्रम में मौजूद हैं जहां ऐसा लगता है कि किसी पत्रकार या कार्यकर्ता ने इस वीडियो को बनाया है और वह पूछ रहे हैं कि कायस्थ समाज लगातार कायस्थों को बीच में रखे जाने का विरोध कर रहे हैं जिस पर उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज प्रबुद्ध समाज देश विदेशों में उनके योगदान है कायस्थ समाज का जो स्थान है वही रहेगा। इसलिए किसी भ्रम में नहीं रहिए सामने वाले व्यक्ति द्वारा दोबारा पूछने पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई विचार भारतीय जनता पार्टी अब यूपी सरकार ने नहीं चलाया है और काहे समाज को इससे बचना चाहिए
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी का वीडियो वायरल, कायस्थ समाज प्रबुद्ध समाज है उसको ओबीसी में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं, ऐसी जानकारी भ्रम#NCRKhabar #KayasthaAlwaysGeneral pic.twitter.com/rAiE4jQCTe
— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) August 17, 2021
आपको बता दें कि हिंदी अखबार हिंदुस्तान ने पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष के सूत्रों से एक समाचार प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया था कि सरकार 39 जातियों को ओबीसी में शामिल कर सकती है जिसमें हिंदू कायस्थ समाज को भी बताया गया था इसके बाद से ही लगातार कार्य समाज एस बात का उत्तर प्रदेश में विरोध कर रहा था यहां तक कि प्रदेश प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने भी आरक्षण के प्रलोभन को अपने सम्मान के आगे अस्वीकार करने की बात कही थी

2 दिन से लगातार यह जानकारी भी आ रही थी कि भाजपा इस मुद्दे पर गलती को सुधारने की कोशिश करेगी एनसीआर खबर ने कल ही इस बात को लेकर एक समाचार भी प्रकाशित किया था ऐसे में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी के बयान का यह वायरल वीडियो अगर सही है तो यह माना जा सकता है कि काया समाज को लेकर ओबीसी में रखने के जो अफवाह कुछ मीडिया समाचार पत्रों में छपी थी वह गलत है या फिर भाजपा ने कायस्थों की प्रतिक्रिया के बाद अपना निर्णय बदल दिया दोनों ही परिस्थिति में कायस्थ समाज के लिए फिलहाल यह राहत की बात है