दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और सुप्रीम कोर्ट के बढ़ती फटकार के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार समझ नहीं पा रही है कि किस तरीके से करे ?
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जल्दबाजी में तमाम तुगलकी फैसले किए जा रहे हैं कहीं मास्क ना लगाने पर ₹500 का फाइन ₹2000 का कर दिया जा रहा है तो जल्दबाजी में बाजारों को बंद करने का आदेश देकर 24 घंटे में ही दोबारा खोलने का आदेश भी दे दिया जा रहा है
दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और नियमों का पालन नहीं करने के कारण दिल्ली सरकार ने नांगलोई में पंजाबी बस्ती मार्केट और जनता मार्केट को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही फैसला वापस ले लिया गया है. बताया जा रहा है कि दुकानदारों को नियमों का पालन करने की हिदायत देने के बाद आदेश वापस लिया गया है
केजरीवाल सरकार की इस बौखलाहट का परिणाम दिल्ली की जनता भुगत रही है दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ कार से जा रहे एक व्यक्ति को जब रेड लाइट पर दिल्ली पुलिस ने मास्क के लिए रोका तो उसने पूछा कि भाई मास्क तो मेरे मुंह पर ही है नाक से थोड़ा नीचे हुआ है लेकिन पुलिस ने उसका चालान काट दिया ऐसे में सवाल यह है कि कार के अंदर मास्क को चढ़ा कर रखने की सरकार के आदेश की क्या अहमियत है?
क्या कार के अंदर मास्क ना पहनने से करो ना आ आ रहा है या फिर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार आनन-फानन में येन केन प्रकारेण यह दिखाने को तत्पर है कि हम कुछ कर रहे हैं