विवाद में फंसी शारदा यूनिवर्सिटी फंसी : पेपर में फासीवाद, नाजीवाद और हिंदुत्व के बीच समानताएं लिखने पर उठ रहे सवाल
ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी का विवादों से पुराना नाता रहा है लेकिन इस बार शारदा यूनिवर्सिटी अपने पेपर में पूछे गए सवाल को लेकर चर्चा में है । शारदा यूनिवर्सिटी का बीए पॉलिटिकल साइंस का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रश्न पत्र में कथित तौर पर छात्रों से फासीवाद, नाजीवाद और हिंदुत्व के बीच समानताएं लिखने के लिए कहा गया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता, विकास प्रीतम सिन्हा ने विश्वविद्यालय के बीए राजनीति विज्ञान के पेपर की कॉपी शेयर की है।
इस प्रश्न पत्र में सवाल पूछा गया है कि ‘क्या आप फासीवाद / नाज़ीवाद और हिंदू दक्षिणपंथी (हिंदुत्व) के बीच कोई समानता पाते हैं?

विकास ने ट्विटर पर लिखा कि यूनिवर्सिटी का नाम ‘शारदा’ पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को ‘हिन्दुत्व’ को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है (Q no. 6)
एनसीआर खबर इस मामले में शारदा यूनिवर्सिटी का पक्ष भी जानने की कोशिश कर रहा है इस मामले पर यदि उसकी तरफ से कोई स्पष्टीकरण आएगा तो उसको प्रकाशित किया जाएगा लेकिन सोशल मीडिया पर इस प्रश्न को लेकर शारदा यूनिवर्सिटी पर तमाम सवाल उठने लगे हैं भाजपा के नेता हिंदुत्व को लेकर इस प्रश्न पत्र में पूछे गए सवाल को गलत बता रहे हैं