सोशल मीडिया से

बहुत भयावह स्थिति है नोटबंदी के दुष्परिणाम सामने है – शैलेंद्र वर्णवाल

सर्वप्रथम मैं शैलेंद्र कुमार अध्यक्ष (भारत जागरूक नागरिक संगठन) केंद्रीय मंत्री एवं माननीय सांसद डॉ महेश शर्मा जी को बधाई देता हूं कि वो ब्लैकमेलर के झांसे में ना आकर, एक महिला पत्रकार को गिरफ्तार करवा भी दिया। एक अपराधी को उसके ठिकाने पर पहुंचा दिया। हालांकि मास्टरमाइंड चैनल मालिक आलोक कुमार की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मैं इस घटना के दूसरे पहलू के बारे में, रात भर सोचता रहा ,पाया कि, स्थिति बेहद भयावह है। प्रतिनिधि न्यूज़ चैनल के मालिक अलोक कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि नोटबंदी के कारण उसकी आर्थिक मजबूरी इतनी बढ़ गई कि उसे अपना रोजगार अर्थात न्यूज़ चैनल बंद करना पड़ गया ।जिसके साथ कई लोगों की भी रोजी रोटी जुड़ी थी। वह सारे लोग बेरोजगार हो गए। ये सारे लोग शिक्षित एवं मेहनती लोग थे ।ये संघर्ष करके एक अपना रोजगार चला रहे थे । उसने ब्लैक मेलिंग में भी अपनी तरफ से स्पष्टीकरण देना चाहा कि वह इस रकम से अपना न्यूज़ चैनल अर्थात दोबारा अपना रोजगार खड़ा करना चाहता है ।

शायद सरकार ने भी इसे मदद करने से इंकार कर दिया हो ,अगर सरकार मदद करती तो यह न्यूज़ चैनल बंद नहीं होता और इससे जुड़े लोग गलत धंधे में नहीं आते या फिर गलत तरीके से पैसा उगाही करने में नहीं लगते ।

कहने का मतलब यह है कि नोटबंदी के कारण लाखों करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए ।जब आर्थिक मुसीबतों को सह ना सके, पारिवारिक कराहो का सामना ना कर सके तो कुछ लोगों ने गलत धंधा अख्तियार कर लिया यहां तक की ब्लैक मेलिंग का धंधा भी। हालांकि यह बिल्कुल भी तार्किक एवं किसी भी रूप में सही नहीं है ।

डॉ महेश शर्मा जी एक कुशल राजनीतिक के साथ साथ एक दृढ़ एवं मजबूत व्यक्तित्व के इंसान है। उनके साथ ब्लैक मेलिंग तो निश्चित रूप से आलोक कुमार एवं उसके सहयोगी निशु पत्रकार एवं अन्य लोग का दुस्साहस ही कहा जाएगा जिसका खामियाजा वो सजा पाकर भुगतेगे।

देश में बेरोजगारी किस प्रकार से छाई हुई है ।इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है कि निशु पत्रकार जो शिक्षित है वह आठ दस हजार रुपए की नौकरी कर रही थी।इस प्रकार के लाखों-करोड़ों शिक्षित बेरोजगार युवाओं प्रतिभाएं हैं जो शिक्षित एवं कर्मठ होने के बाद भी उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है। उनमें से कुछ मजबूर होकर हालात के सामने घुटने टेक दिए और गलत काम करने को मजबूर हो रहे हैं। ब्लैक मेलिंग और वह भी एक मजबूत राजनेता का ,जरूर बहुत बड़ा मजबूरी सामने खड़ा हो रखा होगा अन्यथा यह तो आग में कूदने के समान है।

अभी जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी जिसमें युवा महिला एवं पुरुष दोनों ही हैं बेरोजगार हो गए हैं सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द उनके लिए कुछ करें अन्यथा यह भी आर्थिक मजबूरी के चपेट में आकर कहीं गलत कदम ना उठा ले ।यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उसके नागरिक स्वस्थ रहें ,आर्थिक रूप से सक्षम रहें। हर नागरिक को उसके शैक्षिक योग्यता एवं कर्मठता के आधार पर काम मिले यह सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ।अन्यथा ब्लैकमेलिंग एवं अन्य अपराध की शिकार लोग होते रहेंगे।

मैं नोटबंदी एवं सरकार के निर्णय के कारण जो लोग बेरोजगार हुए हैं ,उनसे अपील करता हूं कि वह हिम्मत ना हारे फिर से प्रयास करें और किस्मत उनका जरूर साथ देगी। गलत कार्य का परिणाम गलत ही होता है ।इसीलिए वह किसी भी रूप से स्वीकार नहीं होना चाहिए। साथ साथ ही प्राइवेट सेक्टर के अन्य लोगो को भी सतर्क रहने की सलाह देता हूं क्या पता कब किस की नौकरी चली जाए या फिर कोई ऐसी नीति आए कि आपका रोजगार धंधे ही बंद हो जाए।

शैलेंद्र वर्णवाल की कलम से

लेख में दिए विचार लेखक के है , एनसीआर खबर का उनसे सहमत होना आवश्याक नहीं है 

एन सी आर खबर ब्यूरो

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