बाबरी ढांचा गिरवाने को लेकर खोजी वेबसाइट कोबरापोस्ट के एक स्टिंग से देश की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
कोबरापोस्ट के स्टिंग में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
स्टिंग में बताया गया है कि बाबरी ढांचा को गिराने की घटना को गुस्सैल भीड़ ने नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया। स्टिंग के अनुसार, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के नेताओं ने ढांचे को गिराने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया।
चुनाव के महज दो दिन पहले आए इस स्टिंग को भाजपा के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस की साजिश बताया है। उन्होंने कहा, ”यह कांग्रेस की साजिश है। वे चुनाव से पहले देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। हमने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत कर दी है।”
नकवी ने कहा कि अभी स्टिंग में जो दिखाया गया है, वो नहीं, बल्कि जिस समय पर दिखाया गया है, वो महत्वपूर्ण है।
वहीं, कांग्रेस की नेता मीम अफजल ने इस स्टिंग के बारे में कहा, ”यह 22 साल पुराना मुद्दा है और चुनाव के समय ऐसे मुद्दे उठाने से देश में सांप्रदायिक तत्वों को मजबूती मिलेगी। लोग इसे सिरे से नकार देंगे।” उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इस मुद्दे को भाजपा ने ही पूरे देश में उठाया था।
जद(यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने स्टिंग के बहाने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब तो ये साफ हो गया है कि बाबरी ढांचे को गिराने के बारे में कांग्रेस और भाजपा दोनों को इसकी जानकारी थी।
उन्होंने कहा, ”चुनाव के समय इस मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए।”
तो वहीं, एनसीपी के नवाब मलिक ने भाजपा पर मोर्चा खोलते हुए कहा, ” चुनावी समय में इस मुद्दे को उठाना, वोटों का ध्रुवीकरण करने की साजिश है। भाजपा ही देश में सांप्रदायिक माहौल पैदा करने के लिए इस मुद्दे को सामने लाई है, क्योंकि इससे भाजपा को ही फायदा होगा।