हरियाणा के बाद ग्रेटर नॉएडा में भी औधोगिक विकास पर ब्रेक लग सकता है I अभी तक हरियाणा में राज्य के युवाओं पर 75% रोजगार को लेकर ही कम्पनियां परेशान थी और सम्भावना व्यक्त की जा रही थी वो यूपी के ग्रेटर नॉएडा में जा सकती है I लेकिन अब ग्रेटर नॉएडा अथारटी ने भी राज्य की जगह सिर्फ ग्रेटर नॉएडा के लोगो को 40% स्थानीय युवाओं नौकरियां देने की पालिसी पर हाँ कर दी है I ग्रेटर नोएडा में अब तक सिर्फ एक ही पैरामीटर था। जिसमे 20 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने वाली कंपनी को 10 अंक देता था।
लेकिन इसमें चार श्रेणी रखी गई हैं। जो कंपनी 40 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का वादा करेगी, तो उसे 10 नंबर दिए जाएंगे। 30 प्रतिशत युवाओं को रोजगार देने वाली कंपनी को 8 और 20 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने वाली कंपनी को महज 5 अंक दिए जाएंगे। 20 फीसदी से कम स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाली कम्पनियों को उसे जीरो अंक दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि दादरी विधायक ने भी विधान सभा में स्थानीय लोगो के लिए आरक्षण बढाने की मांग कि थी जिसके बाद लोगो ने विधायक पर भी सिर्फ स्थानीय लोगो को ही अपना वोट बैंक समझने के आरोप लगाए है I विधायक पर पहले भी शहरी क्षेत्र के लोगो के साथ ना आने के आरोप लगते रहे है I
प्रशासन के इस कदम से जहाँ स्थानीय लोग खुश हैं वही गौतम बुध नगर में यूपी और बिहार से आने वाले युवाओं में मायूसी है I ग्रेटर नॉएडा वेस्ट जैसे उभरते हुए शहरी क्षेत्र के लोगो लोगो का कहना है कि हरियाणा में पुरे राज्य के लोगो का तो पैरामीटर रखा गया लेकिन सिर्फ ग्रेटर नॉएडा के ही लोगो को स्थानीय होने का लाभ देने से बाकी प्रदेश के लोगो को प्रवासी और बाहरी होने का एहसास दिलाया जा रहा है I ये एक तरह से उनके दोयम दर्जे का नागरिक होने जैसा है I ऐसे में क्या सिर्फ तरक्की और नौकरी पर उन जगहों के लोगो का ही हक़ रहेगा जो इन जगहों पर बढ़िया मुआवजा भी लेंगे और नौकरियों में हिस्सेदारी भी फिर कैसे हम एक देश एक समाज की बातें कर रहे है I
दरअसल स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई में एक पक्ष ये भी है की बहार से आने वाला वोटर भाजपा का माना जाता रहा है ऐसे में अपने पारम्परिक वोटर के साथ हरियाणा के बाद यूपी में भाजपा सरकार होने के बाबजूद महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रवाद का उदय होना भाजपा की राष्ट्रीय राजनिति के लिए भी नुक्सानदायक हो सकता है I