नई दिल्ली, रूस की दिग्गज कंपनियां भारतीय उर्वरक कंपनियों से हाथ मिलाने की तैयारी कर रही हैं। दोनों देशों की कंपनियां रूस और भारत दोनों जगहों पर उर्वरक इकाइयां लगाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। रूस की दो कंपनियों की बातचीत इफको के साथ संयुक्त उद्यम लगाने को लेकर चल रही है।
हाल ही में रूस के दौरे से लौटे वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा के मुताबिक रूसी कंपनियां एक्रॉन और आर्गसिंटेज इफको के साथ संयुक्त उद्यम लगाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। दोनों ही कंपनियों के पास पोटाश और फास्फोरिक संसाधनों की भरमार है। शर्मा ने कहा कि रूस की सरकार अपने यहां भारतीय उर्वरक कंपनियों के निवेश को लेकर काफी उत्साहित हैं।
शर्मा के मुताबिक इस साल जनवरी में ही उर्वरक सचिव ने रूस का दौरा कर भारत में यूरिया उत्पादन की नीति में हुए बदलावों की जानकारी दी थी। उसके बाद से रूसी कंपनियों की रुचि भारतीय उर्वरक उद्योग में बढ़ी है। सरकार मान रही है कि रूस के उर्वरक संसाधनों का लाभ उठाकर भारतीय कंपनियां देश में खाद की किल्लत को काफी हद तक दूर कर सकती हैं।
शर्मा ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में फार्मास्यूटिकल और मेडिकल उद्योग पर हुए एक गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। यहां उन्होंने निवेश संबंधी नीतियों को उदार बनाने की मांग भी उठाई। शर्मा ने कहा कि भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए रूस में काफी संभावनाएं हैं। भारत-रूस व्यापार व निवेश फोरम ने 15 ऐसी उच्च प्रौद्योगिकी वाली परियोजनाओं की पहचान की है जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन सभी परियोजनाओं बड़ी रकम का निवेश होगा