बाजार की सुस्त चाल, घटती मांग और बढ़ती उत्पादन लागत से देश का कार बाजार बेहाल है। बजट में राहत की उम्मीद लगाए कार निर्माताओं को झटके पर झटके सहने पड़ रहे हैं। बजट में कोई खास राहत मिली नहीं। हाल ही में आए बिक्री के आंकड़े ने कार निर्माता कंपनियों के माथे पर पसीने ला दिए।
अप्रैल से जनवरी के कार बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो कारों की बिक्री में 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी में भी कार बाजार का रुख नकारात्मक ही रहा है। ऐसे में वित्त वर्ष के अंत तक कारों की बिक्री में 2-3 फीसदी की कमी रहने का अंदेशा बना हुआ है। बाजार के जानकारों का भी यह मानना है कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बिक्री 2-3 फीसदी कम ही रहेगी। इससे पहले वित्त वर्ष 2002-03 में कारों की बिक्री में 2.09 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
बाजार में मंदी से परेशान ऑटो कंपनियों को अब ऑफर के जरिए बिक्री बढ़ने का भरोसा है। टाटा मोटर्स, निसान, स्कोडा और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां अपने बंपर ऑफरों के जरिए लोगों को शोरूम में लाने में जुटी हुई हैं। अब तक एक के साथ एक फ्री का ऑफर कपड़ों, जूतों और कॉस्मेटिक्स उत्पादों पर सुना और देखा होगा लेकिन अब ऐसे ही ऑफर कारों पर भी आना शुरू हो गया है।