नोएडा।। 36 साल के दौरान पहली बार नोएडा अथॉरिटी ने बेहद गोपनीय और बड़े पैमाने पर हिंडन नदी के किनारे भारी लाव-लश्कर के साथ 3 घंटे ऑपरेशन चलाकर 250 एकड़ जमीन से अवैध कब्जा साफ कर दिया। इस टारगेट में कई फार्महाउसों और रिहायशी कॉलोनियों को टारगेट पर लिया गया। इस जमीन की कीमत लगभग 20 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है।
इस मसले को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को एक आदेश दिया था कि हिंडन नदी और यमुना के डूब क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों को चिह्नित करके ध्वस्त कर दिया जाए। यह आदेश उत्तर प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद से लेकर आगरा तक और दिल्ली तथा हरियाणा में भी लागू था।
इस आदेश के बाद हिंडन और यमुना नदी के डूब क्षेत्र में कट चुकी अवैध कालोनियों और फार्महाउसों से मुक्त कराने की सबसे बड़ी चुनौती नोएडा अथॉरिटी के सामने थी। दो दिन पहले नोएडा अथॉरिटी में उच्च स्तरीय मीटिंग हुई और बड़े ऑपरेशन का अंजाम देने के लिए प्लान तैयार किया गया, जिसकी खबर टॉप ऑफिसरों के अलावा किसी को नहीं थी।
अपने इस अभियान को अंजाम देने के लिए शनिवार सुबह 6 बजे अथॉरिटी के अधिकारी और तोडफ़ोड़ दस्ता लगभग 250 एकड़ पर अवैध कब्जे को मुक्त कराने करीब दो दर्जन जेसीबी मशीन और भारी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंचा और नोएडा एक्सटेंशन की ओर जाने वाले रास्ते में बहलोलपुर और गढ़ी चौखंडी गांव के बीच हिंडन नदी के किनारे ताबड़तोड़ कार्रवाई करके जमीन को अवैध कब्जे से साफ कर दिया।
इस बात की पुष्टि करते हुए प्रशासनिक अधिकारी राजेश प्रकाश और प्रॉजेक्ट इंजीनियर एचएन सिंह ने बताया कि बेहद गोपनीय ढंग से आपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया गया। इलाके को दोबारा कब्जे से बचाने के लिए प्रशासन ने वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।