दिल्ली एनसीआर मैं आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की घटनाओं की प्रतिक्रियाएं अब नजर आने लगी है I सामाजिक परिवेश में जिन बातों का डर था वह दिखाई देने लगा है I लगातार आवारा कुत्तो को सदको पर खाना खिलाने जैसी घटनाओ ओर आवारा कुत्तो द्वारा लोगो को काटने की कुत्ता प्रेमी समर्थकों की ज्यादतियों और कुत्ते के काटने पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना किए जाने के चलते लोगों ने कानून हाथ में लेना शुरू कर दिया है ऐसी ही एक घटना दिल्ली के डॉन बॉस्को टेक्निकल इंस्टीट्यूट में सामने आई है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक कुत्ते को कुछ लड़के घेर कर मार रहे हैं और उनमें से एक लड़का रोड के हमले से उसको मार देता है हालांकि एनसीआर खबर इस वीडियो की सत्यता का दावा नहीं करता है
सोशल मीडिया पर कुत्ता प्रेमी समर्थकों का दावा है कि डॉन बॉस्को टेक्निकल इंस्टीट्यूट के करीब 25 छात्रों और स्टाफ सदस्यों ने इस कुत्ते को घेर कर मारा है हालांकि वह यह नहीं बता पाए हैं कि इस वीडियो से पहले की घटना क्या है आखिर इस कुत्ते को मारने के लिए टेक्निकल इंस्टिट्यूट का स्टाफ और 25 छात्र क्यों आक्रामक हो गए कुत्ता प्रेमियों ने पुलिस से इन पर कार्यवाही की मांग की है मगर सवाल यह है कि क्या छात्रों पर कानूनी कार्यवाही दिखाकर उनका भविष्य अपराध की तरफ मोड़ने की कोशिश की जा रही है
आज के पशु दुर्व्यवहार करने वाले कल के सीरियल किलर , अंबिका शुक्ला का विवादित बयान
इस पूरे प्रकरण पर पीपल फॉर एनिमल की ट्रस्टी अंबिका शुक्ला का विवादित बयान भी सामने आ रहा है एक स्थानीय अखबार में छपे अंबिका शुक्ला के बयान के अनुसार युवा छात्रों को इस तरह की क्रत्य को देखना भयानक है उन्होंने दावा किया कि वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जानवरों के खिलाफ टूटता खतरनाक है क्योंकि यह महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा में बदल जाती है ।आज के पशु दुर्व्यवहार करने वाले कल के सीरियल किलर है हालांकि वैज्ञानिक दावो की पुष्टि के लिए कोई रेफरेंस नहीं दिया है
लोगों ने अंबिका शुक्ला के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है लोगों के अनुसार किसी भी घटना को जनरलाइज कर देना हमेशा खतरनाक होता है राजनेता अपनी सुविधा के अनुसार ऐसे दावे कर देते हैं जिनका सच होना मुश्किल होता है I लोगों के अनुसार कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ऐसा ही एक विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग मंदिर जाते हैं वही लड़कियों को छेड़ते हैं
पशु दुर्व्यवहार पर बोलने वाले त्योहार के नाम पर पशुओ की सामूहिक ह्त्या पर नहीं बोलते
वहीं पशु वयवहार के नाम पर कुत्ता प्रेमी बने लोगो के दोहरे मापदंड पर भी लोगो ने सवाल उठाए है लोगो के अनुसार ये तथाकथित पशु या कुत्ता प्रेमी “आज के पशु दुर्व्यवहार करने वाले कल के सीरियल किलर है” जैसा बयान दे देते है लेकिन त्योहार के नाम पर पशुओ को काटने की घटनाओ के खिलाफ नहीं जाते है I इंका पशु प्रेम सिर्फ कुत्तो तक सीमित होता है क्योंकि आवारा कुत्तो से पीड़ित लोग सामान्य लोग होते है उन्हे अल्पसंख्यक समुदाय की प्रतिरोधक क्षमता नहीं मिली होती है