कोविड-19 की दूसरी लहर बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने राहत के कई बड़े एलान किए हैं। इस बाबत भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कोरोना के मुश्किल हालातों से निपटने के लिए उठाए गए जरूरी कदमों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि बैंक कोरोना संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और इससे निपटने के सभी संभव प्रयास भी कर रहा है। आइए आपको बताते हैं आरबीआई के इन बड़े फैसलों के बारे में-
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना से जुड़े हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की ऑन-टैप विंडो शुरू करने की घोषणा किया, जिसके तहत 50 हजार करोड़ रुपये 3 साल तक की अवधि के लिए रेपो रेट पर उपलब्ध होंगे। ये स्कीम 31 मार्च, 2022 तक चलेगी।
- सिस्टम में नकदी दुरुस्त करने के लिए रिजर्व बैंक अगले पंद्रह दिन में 35 हजार करोड़ की सरकारी प्रतिभूति की खरीद करेगा। बैंकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कमजोर क्षेत्रों को कर्ज दें। इसके साथ ही बैंक अपने बही खाते में एक कोविड लोन बुक बनाएंगे।
- वीडियो केवाईसी को लेकर अलग-अलग कैटेगरी के लिए नियमों की भी घोषणा की गई है जिसमें आरबीआई ने व्यक्तिगत, छोटे कर्जदारों के लिए लोन रिस्ट्रक्चरिंग की दूसरी विंडो खोली है। इसके तहत जिन्होंने पहले ये सुविधा नहीं ली थी और उनका लोन 25 करोड़ रुपये तक का है, वह इस बार लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा ले सकते हैं।
- रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों को ओवरड्राफ्ट सुविधा लेने के लिए ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को भी 30 सितंबर तक के लिए बढ़ाया है। रिजर्व बैंक ने फैसला किया है कि वह 20 मई को 35 हजार करोड़ रुपये की दूसरी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (g-sec) की खरीदारी Government Securities Acquisition Programme (G-SAP) 1.0 के तहत करेगा।
- आरबीआई प्राथमिकता वाले सेक्टरों के लिए जल्द ही लोन और इंसेंटिव का प्रावधान भी करेगा। स्मॉल फाइनेंस बैंक को विशेष छूट दी गई हैं। दास ने कहा कि Small Finance Banks (SFBs) के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का Targeted Long Term Repo Operations(TLTRO) लाया जाएगा। इनके लिए 10 लाख प्रति Borrower की सीमा होगी। ये स्कीम 31 मार्च 2022 तक चलेगी।