अरुणाचल प्रदेश में भारत द्वारा 54 नए बार्डर पोस्ट के निर्माण की घोषणा ने चीन की नींद उड़ा दी है। घोषणा से नाराज चीन ने आगाह करते हुए कहा कि भारत को इस प्रकार का कोई कदम नहीं उठना चाहिए जिससे सीमा विवाद और जटिल या बढ़ जाए।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयेंगि ने कहा, ‘चीन-भारत सीमा के सवाल पर चीन का पक्ष स्पष्ट और संगत है। हम भारत के साथ दोस्ताना तरीके से सीमा विवाद जल्द से जल्द सुलझाने के प्रति समर्पित हैं और सीमा पर सुरक्षा और शांति के लिए साथ मिलकर काम भी कर रहे हैं।
भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई के सवालों का ई-मेल के जरिए जवाब देते हुए चीनी प्रवक्ता ने कहा कि सीमा विवाद मसले पर अंतिम समाधान बाकी है, हम आशा करते हैं कि भारत की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे यह मामला और उलझे। मालूम हो की चीन अरुणाचल प्रदेश पर बतौर दक्षिणी तिब्बत दावा करता आया है। चीन की यह प्रतिक्रिया 15 अक्तूबर को आए बयान से थोड़ी अलग है जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजेजू ने चीनी सीमा पर चीन के आधारभूत संरचना की तर्ज पर सड़क निर्माण की घोषणा की थी।
चीनी सैनिकों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जवानों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।
सरकार ने 3488 किमी लंबी भारत-चीन सीमा पर 12 हजार आईटीबीपी जवान तैनात किए जाने को मंजूरी दे दी है। इस साल अगस्त तक चीनी सैनिक 300 से अधिक बार एलएसी पार कर चुके हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगती सीमा पर बनने वाली 54 नई चौकियों पर तैनाती के लिए 12 नए पलटन (बटालियन, 12 हजार जवान) गठित की जाएंगी। इन नई चौकियों के निर्माण का ऐलान शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।