नई दिल्ली। भारत में पैर पसारने की फिराक में जुटे इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकी संगठन आइएस को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आइएस और अलकायदा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत एफआइआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है। ये दोनों ही आतंकी संगठन भारतीय युवकों को भर्ती की कोशिश कर रहे हैं।
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आइएस भारत में युवाओं को गुमराह कर उन्हें जिहाद के नाम पर आतंकी संगठन में शामिल करने की कोशिश कर रहा है। खुफिया रिपोर्टो के अनुसार इसके लिए खासतौर पर गरीब और बेरोजगार मुस्लिम युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र से चार युवकों के आइएस में भर्ती होने और उनमें एक के लड़ाई में मारे जाने की खबर भी आ चुकी है।
अधिकारी के मुताबिक पिछले दिनों सामने आया अलकायदा का वीडियो दोनों आतंकी संगठनों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआइआर दर्ज करने का सही आधार भी है। यही नहीं एफआइआर के बाद एनआइ के लिए आतंकी संगठनों की साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा एफआइआर होने के बाद सरकार आइएस को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल करने के लिए कदम भी उठा सकती है। फिलहाल आइएस प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल नहीं है। जबकि अलकायदा पहले से ही प्रतिबंधित संगठनों की सूची में है। लेकिन अलकायदा सरगना अल जवाहिरी के भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा की नई शाखा खोलने के एलान के बाद नए सिरे से कार्रवाई की जरूरत है। नई एफआइआर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत दर्ज की जाएगी। गृह मंत्रालय ने जल्द ही एनआइए को इसकी अनुमति देने का संकेत दिया है।