राजेश बैरागी l मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के दृष्टिगत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एक बार फिर गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स) और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी उठाएगा। इस हेतु सीईओ के निर्देश पर आज सोमवार को एसीईओ मेधा रूपम ने जिम्स का दौरा कर वहां की समस्याओं और आवश्यकताओं से संबंधित तथ्य एकत्रित किए।अब इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को सौंपी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा सरकार के निर्देश पर बनाए गए जिम्स और जीबीयू को कुछ वर्षों तक चलाने के बाद प्राधिकरण ने पल्ला झाड़ लिया था।तब से दोनों संस्थान राज्य सरकार से मिल रहे आवश्यकता से बहुत कम बजट से अपना काम चला रहे हैं। इस बीच कोरोना महामारी के दौरान निदेशक ब्रिगेडियर आर के गुप्ता के नेतृत्व में जिम्स ने जहां शानदार प्रदर्शन किया वहीं यह संस्थान एक बेहतर स्वास्थ्य गंतव्य के रूप में स्थापित हुआ है।
वर्तमान में यहां मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ हो चुका है और एमबीबीएस,एम एस सहित पैरामेडिकल स्टाफ के लिए तकरीबन आठ सौ छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परंतु संसाधनों का सर्वथा अभाव बना हुआ है।आज जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर गुप्ता ने सीईओ से मुलाकात कर पेश आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। सीईओ ने ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनकर एसीईओ मेधा रूपम को आज ही जिम्स का दौरा कर वहां की समस्याओं पर एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया।
सीईओ ने एसीईओ को सीएसआर से प्राप्त होने वाले धन का प्रवाह जिम्स की ओर मोड़ देने का भी निर्देश दिया। उन्होंने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में जिम्स को आवंटित 56 एकड़ भूमि का कब्जा अभी तक हस्तांतरित न करने पर भी नाराजगी जताई और उससे संबंधित पत्रावली तलब कर ली। इसके साथ ही सीईओ ने एसीईओ को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को दुरुस्त करने हेतु आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। सीईओ ने बताया कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुसार प्राधिकरण क्षेत्र में चिकित्सा और शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देगा।