ग्रेटर नॉएडा वेस्ट : पैरामाउंट इमोशन सोसाइटी की लिफ्ट में 45 मिनट तक फंसा रहा 11 साल का बच्चा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी हाई राइज सोसाइटी लोगो के अभिशाप से कम साबित नहीं हो रही है , बीते १० सालो में जैसे तैसे करके लोगो को फ़्लैट तो मिल गए है लेकिन इस फ़्लैट में समस्याओं पर भी बातें होने लगी है I शहर में पैरामाउंट इमोशन सोसाइटी में मंगलवार देर रात दोस्त के घर से आ रहा 11 साल का बच्चा लिफ्ट में 45 मिनट तक फंसा रहा। परिजनों का आरोप है कि लिफ्ट में बच्चे के अटके होने की सूचना गार्ड को दी, लेकिन गार्ड को लिफ्ट खोलना तक नहीं आता था। इससे बच्चे को निकालने में समय लगा। मामले की शिकायत बिसरख पुलिस से भी की गई है।
सोसाइटी में रहने वाले चन्दन चौधरी ने एनसीआर खबर को बताया कि टावर में यू में अजय परिवार के साथ रहते हैं। मंगलवार को सोसाइटी में दुर्गा पूजन का कार्यक्रम चला रहा था। इसी दौरान उनका 11 वर्षीय बेटा दोस्त के घर एस टावर में गया हुआ था। लड़के के पिता ने रात अधिक होने पर दोस्त के घर फोन से पूछा तो बताया गया कि वह घर से निकल गया है। 10-15 मिनट तक घर ना पहुंचने पर परिजनों ने परिसर में तलाश शुरू की। ऐसे में परिजनों ने पूजा स्थल पर जाकर देखा, लेकिन बच्चा नहीं मिला।
रात करीब 11.30 बजे परिजन उसके दोस्त के घर जाने के वाली लिफ्ट के पास पहुंचे। इसी दौरान टॉवर की एक लिफ्ट अटकी हुई देखी। यह लिफ्ट 16वें फ्लोर से नीचे आने के दौरान अटकी थी। आरोप है कि लिफ्ट 15वें फ्लोर पर करीब 45 मिनट तक अटकी रही। परिजनों ने बताया कि टावर में बैठे सुरक्षा गार्ड को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन उसको लिफ्ट ऑपरेट करना नहीं आता था। उसके पास चाबी नहीं थी। इसके चलते बच्चा अधिक समय तक लिफ्ट में फंसा रहा। इससे गुस्साए लोगों ने देर रात गेट पर सुरक्षा को लेकर हंगामा किया।
इस मामले पर चन्दन ने कहा कि सवाल सोसाइटी में परिचालन करने वाली एजेंसी पर है, उसके तोर तरीके पर है I आखिर 45 मिनट तक गार्ड CCTV क्यूँ नहीं देख रहा था I यहाँ हर टावर में लिफ्ट के कैमरे देखने के लिए स्क्रीन लगे है लेकिन अगर ऐसे हालत होंगे तो लोगो कि सुरक्षा भगवान भरोसे ही है I
आपको बता दें कि बिल्डर के अनुसार इस सोसाइटी में परिचालन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी JLL को नियुक्त किया गया है I उसके बाद सुरक्षा के लिए अन्य कम्पनी को रखा गया है लेकिन लोगो के आरोप है इस मामले सोसाइटी के मेंटेनेंस इंचार्ज से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने बोलने से इनकार कर दिया।