आल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा है कि मंकीपॉक्स से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह कोविड 19 की तरह संक्रामक नहीं है और यह उसकी तरह तेजी से नहीं फैलता है। इसमें मृत्यु दर बहुत कम है और ज्यादातर मरीज 14-21 दिन में स्वस्थ हो जाते हैं।
उन्होने ये भी बताया मंकीपॉक्स 99 फीसदी मामलों में समलैंगिक पुरुषों में होता है। चूंकि यह सबसे ज्यादा समलैंगिक पुरुषों में फैलता है, इसलिए इस तरह के संबंधों से बचने की कोशिश करनी चाहिए। जिन लोगों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई पड़ते हैं, उनसे दूरी रखनी चाहिए।
दिल्ली मे आया मंकीपॉक्स का पहला मामला
दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आ चुका है। यह देश में मंकीपॉक्स का चौथा मामला है। इसके पहले मंकीपॉक्स के तीन मामले केरल में सामने आ चुके हैं। ऐसे मे पूर्व निदेशक ने कहा कि दिल्ली सहित देश की स्वास्थ्य व्यवस्था इस तरह की बीमारी को हैंडल करने में पूरी तरह सक्षम है, लिहाजा यह चिंता का बड़ा कारण नहीं है। हालांकि, इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।
चूंकि मंकीपॉक्स कोविड की तरह तेज संक्रामक नहीं है, इससे संक्रमण का खतरा कम है। मंकीपॉक्स पीड़ित मरीज के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने के बाद ही इस तरह की बीमारी होने की संभावना होती है।