ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी ने हिंदुत्व को नाजीवाद से जोड़कर समानता बताने वाले सवाल को बनाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर वकास फारुख को सस्पेंड कर दिया है शारदा यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी करके पूरे प्रकरण पर खेद जाहिर किया और माफी भी मांगी है एनसीआर खबर ने इस मामले में बीजेपी नेता विकास प्रीतम सिन्हा द्वारा उठाए गए सवालों को प्रकाशित किया था
ग्रेटर नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी में पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के एक पेपर में छात्र-छात्राओं से पूछा गया था कि क्या आप हिंदू राइट विंग हिंदुत्व, फासीवाद और नाजीवाद समानता पाते हैं ?
इस प्रश्न के आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाने का शुरू कर दिए भाजपा नेता रवि भदौरिया ने कल ही यूनिवर्सिटी से इस प्रश्न पत्र को बनाने वाले प्रोफ़ेसर का नाम बताने की बात कही थी तमाम अन्य लोग भी सोशल मीडिया पर इसको लेकर शारदा यूनिवर्सिटी को सवाल कर रहे थे
शनिवार को कमिटी ने छात्रों के साथ मुलाकात की। इसके बाद वकास फारूक कुट्टे नामक अस्सिस्टेंट प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसने ये सवाल बनाया था। कमिटी ने अपनी शुरुआती जाँच में ये भी पाया है कि उक्त सवाल आपत्तिजनक था। ये भी फैसला लिया गया कि कॉपी की जाँच और मार्किंग के समय इस सवाल को नज़रअंदाज़ किया जाएगा और इससे मार्क्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मीडिया मे आई जानकारी के अनुसार वकास फारूक कुट्टे जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ चुका है। उसने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की परीक्षा क्वालीफाई की थी। वो राष्ट्रवादियों पर निशाना साधते हुए लेख लिखते रहता है और JNU में फरवरी 2016 में देश के टुकड़े-टुकड़े किए जाने के नारे लगे थे। कश्मीर पर लिखते हुए वो भारतीय सेना का भी अपमान कर चुका है। उसने एक तरह से भारत सरकार को ही कश्मीर में हो रहे आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया था।