Hetero Pharma कंपनी पर आईटी रेड के बाद सोशल मीडिया पर कोरोना काल में ऐसी कंपनियों और अस्पतालो को लूट पर सवाल उठने शुरू हो गया है । लोगो ने इतने कैश पर सरकार के डिजिटल इंडिया पर भी सवाल उठाए है
लोगो ने इसे कोविड काल में रेमडेसीवीर, फ़ेवीपीरवीर जैसी दवाओं की कालाबाज़ारी और लोगों की ज़िंदगी से खेलने की कहानी बताया है कि कैसे इन कंपनियों और अस्पतालो ने मानवता के नाम पर कैश में पैसे कमाए है
नोएडा में हेल्थ केयर से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि मात्र 2 महीने से भी कम समय की दूसरी लहर में कई अस्पतालो ने अपने पूरे कर्ज उतार दिए तो कइयों ने नए अस्पतालो के लिए काम शुरू कर दिया है । लोगो की शिकायत है कि ये सब तब हुआ जब सरकारी आदेशों में अस्पतालो को कोविड़ सेंटर घोषित किया गया था । आपको बता दे की कई अस्पतालो ने आक्सीजन होने बाबजूद ऑक्सीजन की कमी की खबरे दी थी तो कइयों ने बेड होने के बाबजूद बेड होने से मना कर दिया था बाद में स्वास्थ्य विभाग के छापे में कई नामचीन अस्पतालो में खाली बेड मिले थे जिन पर कार्यवाही की बातें भी कही गई थी लेकिन बाद में सब भुला दिया गया
ऐसे में अब आईटी रेड के बाद लोगो के सवाल उठने शुरू हुए है कि क्या ऐसे अस्पतालो पर भी सरकार कुछ ध्यान देगी