बिसरख मंडल की जातीय राजनीति कब बदलेगी : जातीय प्रेम में जिसके युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष बनने की चर्चा उसने मंडल अध्यक्ष का ही फोटो हटा दिया, लोगो का सवाल एक ही जाति को महत्व क्यों

गौतमबुद्ध नगर की दादरी विधान सभा में जाति विशेष की राजनीति क्षेत्र में कितनी हो गई है इसका अंदाजा आप भाजपा के युवा मोर्चा के बिसरख मंडल अध्यक्ष के एक दावेदार के पोस्टर से समझ लीजिए। सोशल मीडिया में आई जानकारी के अनुसार बिसरख मंडल के युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष के लिए राजनीति में एक दावेदार बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदोरिया की ही फोटो हटा दिए ।

हालांकि रवि भदोरिया ने विवाद को किनारे कर लिखा।

लेकिन सोशल मीडिया पर इसके आने साथ ही पहले से ही सम्राट मिहिर भोज की जाति पर दावे से परेशान जिले की भाजपा में हड़कंप मच गया । भाजपा संगठन के लोग इस तरह की जातिवादी राजनीति के खिलाफ आ गए है । लोगो ने लिखा



इससे पहले पूर्वांचल मोर्चा पहले ही एक जाति के अलावा पूर्वांचलियों को किनारे करने के आरोप युवा मोर्चा पर पहले ही लगा चुका है

लोगो का कहना है कि बिसरख मंडल में 1.5 लाख से ज्यादा शहरी आबादी को इतनी ही आबादी के जाती प्रेम में पीछे किया जा रहा है, आपको बता दें कि इस समय गौतम बुध नगर में जिलाध्यक्ष और युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष भी इसी जाति से है। वही कुछ लोगो ने इसको रवि भदोरिया के राजपूत होने से भी जोड़ते हुए बताया कि बीते दिनों गुर्जर और राजपूत समाज के द्वारा सम्राट मिहिर भोज को अपनी अपनी जाति का बताए जाने पर पार्टी के स्टैंडर्ड पोस्टर में सम्राट मिहिर भोज के नाम से पहले किसी भी जाति को लिखना संगठन से ही मना किया गया था लेकिन जाति प्रेम में ना सर्फ वो लिखा गया बल्कि राजपूत मंडल अध्यक्ष का फोटो भी हटा दिया गया ।
ऐसे में सवाल उठ रहे है कि किस आधार पर ऐसे जातिवादी व्यक्ति के लिए विधायक और संगठन के कुछ नेता सिफारिश लगा रहे है लोगो ने संगठन में बढ़ते जाति प्रेम पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस तरह से पूर्वांचल समाज को किनारे करना भाजपा को नुकसान भी से सकता है बिसरख मंडल आने वाले चुनावों में भाजपा की जीत में प्रमुख स्थान रखता है और इस क्षेत्र में एक जाति के वोटो के अलावा बाकी वोट 5 गुना है । 2019 के चुनावो में भाजपा की जीत गौर सिटी के वोटो से ही शुरू हो गई थी जबकि जाति के गांवों में वोट भाजपा के खिलाफ था