आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा जिले में बस 3 जातियों में बट कर रह गई है जिले की राजनीति में गुर्जर, ठाकुर और ब्राह्मण इन्हीं तीन जातियों के जनप्रतिनिधियों का बोलबाला है । जिले में शहरी आबादी के बढ़ने के बाद लोगों की महत्वाकांक्षा बढ़ती जा रही हैं ऐसे में सिर्फ 3 जातियों को भाजपा संगठन में पद दिए जाने से संगठन में तमाम स्तर पर रोष व्याप्त है
नाम ना छापने की शर्त पर गौर सिटी के भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि संगठन के अंदर पूर्वांचल के प्रतिनिधियों को बिल्कुल महत्व नहीं दिया गया सिर्फ स्थानीय ब्राह्मण स्थानीय गुर्जर और स्थानीय ठाकुर दावेदारों को ही संगठन में शामिल किया गया है लोगों के सवाल है क्या जिले में निवास करने वाली अन्य महत्वपूर्ण जातियों के लोगों को राजनीति मैं सिर्फ इसलिए दरकिनार कर दिया जा रहा है कि उनका वोट प्रतिशत कम है सबका साथ सबका विकास करने वाली भाजपा सिर्फ 3 जातियों के वोटों के लिए ही संगठन में पद दे रही है
जानकारों की माने तो संगठन में विरोध के स्वर अब बिसरख मंडल अध्यक्ष की दौड़ के लिए उठ रहे हैं एनसीआर खबर के पास आ रही जानकारी के अनुसार बिसरख मंडल अध्यक्ष के लिए सुमित बसोया का नाम सबसे आगे चल रहा है दादरी विधायक तेजपाल नागर भी उन्हीं के नाम को प्रस्तावित कर रहे हैं वही सांसद प्रतिनिधि अपने ब्राह्मण दावेदार को प्रस्तावित कर रहे हैं । इसके अलावा पूर्वांचल से आए नामो को फिलहाल शांत कर दिया है । वर्तमान युवा मंडल अध्यक्ष कुमार सौरभ को उम्र का हवाला देकर बैठा दिया गया है ।
बिसरख मंडल में सोसाइटी की शहरी आबादी के लगातार बढ़ने के कारण लोगों का सवाल बार-बार उठ रहा है कि कि अगर स्थानीय राजनीति को ही संगठन में महत्व दिया जाएगा तो फिर यहां की सोसाइटी में निवास करने वाली अन्य जातियों के डेढ़ लाख लोगों का क्या होगा
इस मामले को लेकर नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार से एनसीआर खबर में जब बात की उन्होंने भी संकेतों में शहरी जनप्रतिनिधि के भी आगे लाने की बात को ही माना हालांकि वो किसी भी प्रकार की राजनीति पर कुछ कहने से बचते रहे फिर भी राजनीति में जाति के प्रभाव पर उन्होंने चिंता व्यक्त की
वहीं भाजपा मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने एनसीआर खबर को स्पष्ट कहा की युवा मंडल अध्यक्ष कुछ ऐसा होना चाहिए जो 30 साल से ज्यादा का न हो और सोसाइटी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में समन्वय रख सके । ऐसे में आने वाले दिनों में बिसरख युवा मंडल अध्यक्ष और भाजपा में तीन प्रमुख जातियों के अलावा अन्य जातियों को कितना महत्व मिलेगा इस पर सभी की नजर रहेगी