राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से आम आदमी पार्टी (AAP) का संयोजक चुन लिया गया है ।
आम आदमी पार्टी की नवनिर्वाचित राष्ट्रीय परिषद बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव किया गया।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक, पंकज गुप्ता को सचिव और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता को पार्टी का कोषाध्यक्ष चुना गया । इन तीनों पदाधिकारियों का कार्यकाल 5 साल का होगा ।
अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी का लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया है. इस साल की शुरुआत में पार्टी के संविधान को संशोधित करके कई बदलाव किए गए थे। सविधान में पहले कहा गया था कि कोई भी सदस्य एक पदाधिकारी के रूप में एक ही पद पर तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल से अधिक नहीं रहेगा
लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया
राजनीति को बदलने की बात कहने वाले अरविंद चले समाजवादी पार्टियों की राह पर
कभी राजनीति को बदलने की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल उसी समाजवादी जातिवादी राजनीति को आगे बढ़ाते देख रहे हैं जिससे भारत की अधिकांश राजनीतिक दल पीड़ित है भारत में समाजवाद के नाम पर खड़ी हुई अधिकांश राजनीतिक दल के अध्यक्ष एक ही आदमी आजीवन बन के रह गए चाहे वह लालू प्रसाद यादव की आरजेडी हो मायावती की बीएसपी हो मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी हो ऐसे में अरविंद केजरीवाल का संविधान को चेंज कर तीसरी बार आपका संयोजक बन्ना इस पार्टी के भविष्य पर सवाल खड़ा कर रहा है आम आदमी पार्टी के जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि आम आदमी पार्टी को अरविंद केजरीवाल से बेहतर कोई नहीं चला सकता है इसलिए उन्हीं को संयोजक बनाया जाना चाहिए
आम आदमी पार्टी के संगठन में तीनों बड़े पद वैश्य समुदाय को
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद हैरान करने वाली बात यह भी है की तीनों प्रमुख पद वैश्य समुदाय के लोगों को दे रहे हैं जहां संयोजक अरविंद केजरीवाल वैश्य समुदाय से आते हैं वही सचिव पंकज गुप्ता और कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता भी वैश्य समुदाय से ही आते हैं ऐसे में आम आदमी पार्टी क्या लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव की तरह जातीय संरचना पर आगे बढ़ेगी इस पर भी सवाल उठने शुरू हो गए