उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षक नेता और आठ बार एमएलसी रहे ओमप्रकाश शर्मा का शनिवार की शाम निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
शनिवार रात 8:35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार रविवार को सूरजकुंड श्मशान घाट पर किया जाएगा। वे मूल रूप से बागपत जिले के सूजती गांव के रहने वाले थे। काफी अरसे से मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित बी ब्लाक में रह रहे थे। वे अपने पीछे दो बेटे और दो बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
48 साल साल मेरठ सहारनपुर सीट से MLC रहने वाले ओम प्रकाश शर्मा इस बार हुए मेरठ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में उन्हें हार गए थे। वे 4 दशक से प्रदेश के शिक्षक राजनीति में दमदार भूमिका में रहे। यहां तक कि शनिवार को भी दिन में उन्होंने शिक्षकों के धरने को संबोधित किया था।सुबह से उन्हें पेचिस की समस्या थी।इसके बाबजूद वो वहां शामिल हुए बताया जाता है कि शाम 7.35 पर उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई । स्वजन जब तक उन्हें अस्पताल ले जाते तब तक उनकी सांसे थम चुकी थी
उनके निधन की खबर से उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई जानकारी के अनुसार शिक्षकों ने कहा उनको यकीन ही नहीं हो रहा है कि जो व्यक्ति सुबह शनिवार को उनके साथ धरने में बैठा हूं और आप को उनके बारे में यह जानकारी आएगी।
मात्र 7 साल की उम्र में पहली बार एम से बनने वाले ओमप्रकाश शर्मा लगभग 50 सालों तक उत्तर प्रदेश में शिक्षक राजनीति की दूरी रहे श्यामा ने कई बार शिक्षकों के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी अगर 2020 के हुए चुनाव में पहली बार उनके गुट को झटका लगा है यहां तक कि वह खुद भी हार गए