मोदी जी ऐसा न करो ! देश से मज़ाक़ न करो ! – शीतल पी सिंह

मज़ाक़ बनता देश

देश” मज़ाक़ नहीं होता ! होना भी नहीं चाहिये पर देश का सचमुच मज़ाक़ बन रहा है !

चन्द दिन पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक बड़े नेता ने स्वीकारा था ” बीजेपी के ऊपर के स्तर पर “टेलेंट पूल” की कमी है ।

यह बात वे सब जानते हैं जो अध्यवसाय से ज्ञान की पायदानों के ऊपरी मालों पर पहुँचे हैं पर राजनैतिक कारणों से सत्ता की परिधि से बाहर हैं ।

मसलन हमारे पास देश का वित्त संभालने के लिये विशेषज्ञ टीम इस समय उचित स्थान पर उचित ढंग से मौजूद नहीं है । अरुण जेटली एक sueve राजनेता हैं , वक़ील हैं पर देश और दुनिया में कोई भी उन्हे अर्थशास्त्री तो नहीं ही मानता ।
मैंने तमाम अर्थ अकादमिकों से
यह पूछा तो पता चला कि उनके पूरे जीवन में उनकी आर्थिक मामलों पर कोई किताब / कोई किसी अन्तर्राष्ट्रीय पत्र में प्रकाशित लेख आदि चर्चा में नहीं है पर वे देश के वित्त मंत्री हैं जो हमेशा दूसरे मंत्रालयों के मामलों पर या राजनीति पर बयान देते मिलते हैं अर्थशास्त्र पर नहीं ।

योजना आयोग मोदी जी ने भंग कर दिया । बोर्ड पर लिखवाया “नीति आयोग “। आधे कर्मचारी वित्त विभाग में प्रतिनियुक्ति पर ठेल दिये गये । बाक़ी बचों को क्या करना है यह किसी को पता नहीं , दो साल होने को हैं पर नीति अभी बन रही है । अमरीका से भारतीय मूल के एक अर्थशास्त्री पनगढिया साहब इसको नेतृत्व देने आये हैं । वे सिर्फ़ फ़र्स्ट क्लास से चलते हैं । मुझे बताया गया कि वे मुंबई के होटल के अपने सूट में हफ़्ते भर रुके रहते हैं पर दिल्ली नहीं आते जब तक जहाज़ में फ़र्स्टक्लास की सीट मिल नहीं जाती ।

दिल्ली में उनको पी एम बुलवा लेते हैं और पूरे पूरे दिन वे पी एम ओ में टुकड़ों टुकड़ों में मोदी जी को आर्थिक सवालों पर clarification देते बीत जाते हैं । फिर उनको US लौटना होता है । वे देसियों की अकर्मण्यता से भन्नाये रहते हैं ।

नतीजे आपके सामने हैं । तेल के import pool में क़रीब तीन लाख करोड़ की अतिरिक्त कमाई से भी देशी बाज़ारों में कोई जुंबिश पैदा करने में सरकार फ़ेल रही है । किसी कारोबारी से पूछो,”मन्दा है साहब “ही सुनने को मिल रहा है । प्रापर्टीज़ क़रीब ४०% नीचे आ चुकी हैं पर सेल नहीं हो रही । जाब मार्केट सिकुड़ गई है ।दिसम्बर में तो इंडस्ट्री भी हाँफती मिली । २८ महीनों के सबसे निचले स्तर पर ।एक्सपोर्ट्स क़रीब २४% नीचे है दिसम्बर में ।

अब रक्षा / सुरक्षा पर । हम इस समय दुनिया के सबसे बड़े हथियारों के ख़रीदार हैं । कोई डेढ़ लाख करोड़ सालाना बारूद पर खर्चते हैं । अमरीका ने पाकिस्तान को हमारे पड़ोस में एक ऐसे गुंडे के रूप में विकसित कर दिया है कि हमारा ज़्यादातर वक़्त /राजनीति / पैसा मुक़ाबले की ऐसी तैयारी में लग जाता है जिसे अमेरिका कभी होने नहीं देगा और ५६” और संघ और हिन्दू राष्ट्र , साधू साध्वी , योगी भोगी हमारी ज़िंदगी हराम करके रखेंगे ! किसान खेत में मारा जायेगा और उसके जवान बेटे फ़ौज एन एस जी पैरा मिलिटरी की वर्दी में बार्डर पर ! ओबामा के अंडरवियर में मोक्ष ढूँढते हमारे हर रंग के नेता नूरा कुश्ती को WWF में बदलते मिलेंगे । पठानकोट में इनकी क़ाबिलियत का फटा लंगोट अभी ख़ून आलूद है ही !

सबसे बड़ी तकलीफ़ शिक्षा के छेत्र से आ रही है । हमारे पुरखे (मालवीय सर सैयद आम्बेडकर गांधी नेहरू ) तमाम तरह के sectarian views के बावजूद आधुनिक शिक्षा के लिये जूझते रहे । हम आज गर क़ायम हैं तो उसी हिकमत से पैदा हुए टेलेंट पूल से । मौजूदा हुकूमत इसे ख़तरे में डाल रही है । आपने एक बारहवाँ फेल/पास को देश की शिक्षामंत्री बना दिया । आप में एक भी माडल शिक्षाकेनद्र खड़ा करने की क़ाबिलियत है नहीं पर जो हैं उनमें रामदेव / साक्षी महाराज / अवैधनाथ और गिरिराज सिंह को विज्ञानी बताकर भेजोगे और विज्ञान कांग्रेस में ख़याली पुष्पक विमान उड़ाओगे तो देश तहस नहस हो जायेगा बन्धु !

मोदी जी ऐसा न करो ! देश से मज़ाक़ न करो !
शीतल पी सिंह
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