नई दिल्ली। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीर पर विवादित बयान देकर भारतीय राजनीति का पारा और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा हैै कि कश्मीर विवादित क्षेत्र है और यह भारत का हिस्सा नहीं है। गिलानी से आज पाकिस्तान के राजदूत ने मुलाकात भी की। हुर्रियत नेता और पाक राजदूत के बीच हुई इस मुलाकात पर सीपीआई नेता डी राजा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि इस बाबत सरकार को जवाब तलब करना चाहिए। इसके अलावा जेडीयू, कांग्रेस ने भी इस मुलाकात पर आपत्ति जाहिर की है।
इस मुलाकात की जानकारी देते हुए गिलानी ने कहा कि पाक राजदूत ने दोनों देशों के विदेश सचिवों की मुलाकात के बारे में उन्हें जानकारी दी। अलगाववादी नेता गिलानी ने कहा कि हमेशा से ही कश्मीर मुद्दा सभी मुद्दों से ऊपर रहा है। इसका हल निकालना बेहद जरूरी है।
गिलानी का कहना था कि इस मुद्दे पर दोनों देशाें के बीच करीब 150 बार बैठक हुई हैं, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला। इन बैठकों में किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा गया। उन्होंने कहा कि चेहरे जरूर बदलते हैं, हाथ जरूर बदलते हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदलती है। कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर फौज का राज है।
पत्रकारों से बात करते हुए गिलानी ने बारामुला जेल से रिहा हुए अलगाववादी नेता मसर्रत आलम पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आलम के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्हें रिहा करना कोई बड़ी बात नहीं है। गिलानी ने कहा कि मसरत आलम को अदालत ने रिहा किया है। इससे पहले भी वह कई बार जमानत पर बाहर आ चुके थे। अदालत उनके खिलाफ सभी एफआईआर खारिज कर चुकी है। इसलिए उनकी रिहाई कोई बड़ी बात नहीं है। उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं, मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं।