
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी [आप] में बढ़ती अंतर्कलह से आहत अरविंद केजरीवाल ने आज पार्टी के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी व्यस्तता को इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा है कि ”वह केवल दिल्ली पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए ही यह कदम उठाया है, क्योंकि दोनों जिम्मेदारियां निभाना मुश्किल हो गया है। लिहाजा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी को यह लिखित इस्तीफा भेज दिया है।” पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने भी पुख्ता करते हुए कहा कि केजरीवाल ने इस्तीफे की पेशकश की है, जिस पर अब पीएसी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
अब दोपहर दो बजे होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अरविंद के इस्तीफे पर चर्चा होगी। बैठक में शीर्ष नेतृत्व द्वारा चर्चा के बाद उनके इस्तीफे पर अंतिम निर्णय होगा। दरअसल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केजरीवाल के अलावा 20 सदस्य हैं, जो अब इस बाबत वोटिंग के जरिए फैसला करेंगे। इसी बीच प्रशांत भूषण बैठक में शामिल होने के लिए दोपहर एक बजे अपने घर से रवाना हो गए।
उधर, इस विवाद की वजह माने जा रहे योगेंद्र यादव ने अरविंद के इस्तीफे की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे पहले भी अरविंद ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को अपना इस्तीफा भेजा था, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया था। केजरीवाल सच्ची राजनीति के प्रतीक हैं और उन्हें इस पद पर बने रहना चाहिए।
पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि अरविंद के इस्तीफे पर बैठक में चर्चा होगी, लेकिन पार्टी में अनुशानहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि वे किसी का नाम लेने से बचते हुए दिखाई दिए पर संकेत जरूर दिए कि ज्यादातर वरिष्ठ नेता इस विवाद को जन्म देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के मूड में हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले से पार्टी की किरकिरी हुई है, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। पार्टी का मजाक बनाने की जरूरत नहीं