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शिव शब्द का अर्थ है- शुभ, मांगलिक, कल्याणकारी, राशि के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को ऐसे करें प्रसन्न

ऋग्वेद में शिव से प्रार्थना की गई है कि वह अपने आयुधों को दूर रखें। यहां उनका नाम रुद्र है।
अथर्ववेद तक आते-आते रुद्र को महादेव कहा जाने लगा। श्वेताश्वेतर उपनिषद् तक उनके ईश, महेश्वर, शिव और ईशान नाम हो गए। उनका उल्लेख एक सजर्न शक्ति के रूप में होने लगा, जिसे सांख्य दर्शन के पुरुष का पर्याय भी माना जा सकता है और जो तीन गुण वाली माया से सन्नद्ध हैं। शैव दर्शन में प्रकृति तत्व ‘माया’ नाम से जाना जाता है। इस माया के पांच कंचुक हैं, जिन्हें पुरुष (शिव) के निर्देश बिना खोल पाना लगभग असंभव है।

रामायण और महाभारत में शिव की उपासना उनके रौद्र रूप से सौम्य रूप की ओर मुड़ती है, यहां शिव (त्र्यम्बक) प्राणियों की ऊर्जा बन जाते हैं। यही नहीं, उन्हें भावी को बदलने में सक्षम तक मान लिया जाता है (भावी मेटि सकहिं त्रिपुरारी)। शिव का केशी नाम श्रमण संस्कृति से आया। जैनों के प्रथम र्तीथकर जिन्हें ऋषभदेव कहा जाता है और जो आदिनाथ माने जाते हैं, अन्य कोई नहीं शिव ही हैं।
पतंजलि ने अपनी कृति में शिव को कई नामों से पुकारा है। रामायण में तो शिव को योगाभ्यास करते हुए भी दिखाया गया है। केन उपनिषद की उमा यहां आते-आते रुद्रपत्नी की जगह उमा यहीं बनीं, जो सब जीवों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। महाभारत के द्रोण और कर्ण पर्व में शिव वरदायी देवता के रूप में चित्रित हैं। अर्जुन ने तप करके शिव से ही पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था। माधव ने अपने सर्वदर्शन संग्रह में पशुपत मत को ‘नकुलीश पाशुपत’ कहा है, साथ ही उसके पांच सिद्धांतों की व्याख्या भी की है। शिव को केंद्र में रखकर प्रतिपादित शैव सिद्धांत में चार पादों और पदार्थों का जिक्र किया गया है- विद्या, क्रिया, योग और चर्या तथा तीन पदार्थ हैं पति, पशु और पाश। 

शिव शब्द का अर्थ है- शुभ, मांगलिक, कल्याणकारी आदि। शिव भाव उतना ही पवित्र और निश्छल है, जितना भारतीय दर्शन, कला, साहित्य और लोक परंपरा में सुगंध की तरह घुले शिव, जिनके ईशान, रुद्र, आशुतोष, केशी, पशुपति आदि न जाने कितने नाम हैं।

शास्त्रों में शिव तत्व को  सर्वव्यापी के रूप में दर्शाया गया है – ‘सर्वं शिवमयं जगत:’ – इस जगत में सबकुछ शिवमय या शिव का ही प्रकटीकरण है।
अपनी दिनचर्या के कार्यों से ऊपर उठकर सर्वोच्च महिमा व अनंत सत्ता के ध्यान में डूबने का, भोले और आनंदपूर्ण शिवतत्व में समाने का शिवरात्रि अद्वितीय समय है । यद्यपि शिवरात्रि की बाहरी पूजा बहुत बड़े अनुष्ठानों तथा अनेक प्रकार की वस्तुओं का प्रसाद व अनेक प्रकार के चढ़ावों से पूर्ण होती है; तथापि ऐसा कहा जाता है कि शिव के ऊपर चढ़ाए जाने वाले सर्वोत्तम पुष्प है ज्ञान, समभाव व शांति। स्वयं के साथ शिव तत्व का उत्सव मनाना ही वास्तविक शिवरात्रि है।

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को ऐसे करें प्रसन्न, राशि अनुसार करें महादेव जी की पूजा

मेष राशि:
इस राशि वाले जातक महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की गुलाल से पूजा करें और “ॐ ममलेश्वराय नम:” मंत्र का जाप करें, आपको बहुत अधिक लाभ मिलेगा।

वृषभ राशि:
महाशिवरात्रि के दिन इस राशि के लोग शिव जी का दूध से अभिषेक करें और “ॐ नागेश्वराय नम:” मंत्र का जाप करें, सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

मिथुन राशि:
महाशिवरात्रि के दिन मिथुन राशि के जातक शिव जी का गंगा जल से अभिषेक करें और इसके साथ ही “ॐ भूतेश्वराय नम:” मंत्र का जाप करें।

कर्क राशि:
इस राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिये और महादेव के “द्वादश” नाम का स्मरण करना चाहिये।

सिंह राशि:
इस राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का शहद से अभिषेक करें और “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें।

कन्या राशि:
कन्या राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जल में दूध मिलाकर अभिषेक करें और “शिव चालीसा” का पाठ करें।

तुला राशि:
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये महादेव का दही से अभिषेक करें और इस दिन “शिवाष्टक” का पाठ करें।

वृश्चिक राशि:
इस राशि के लोग दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें और “ॐ अंगारेश्वराय नम:” मंत्र का जाप करें।

धनु राशि:
महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का दूध से अभिषेक करें और “ॐ सोमेश्वरायनम:” मंत्र का जाप करें, सभी इच्छाएं जल्द पूरी होंगी।

मकर राशि:
महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि वाले जातक भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें और साथ ही “शिव सहस्त्रनाम” का पाठ करें।

कुंभ राशि:
इस राशि वाले जातक महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का दूध, दही, शक्कर, घी, शहद इन सभी चीजों से अभिषेक करें इसके साथ ही “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

मीन राशि:
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये महाशिवरात्रि के दिन मौसमी फल के रस से शिव जी का अभिषेक करें, इसके साथ ही “ॐ भामेश्वराय नम:” मंत्र का जाप करें।

NCRKhabar Mobile Desk

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