एनसीआर की बिजली सुधार के लिए अफसरों ने भाग-दौड़ शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को नोएडा के शक्ति सदन गेस्ट हाउस में नोएडा, गाजियाबाद और बनारस संभाग के कारपोरेशन अफसरों की बैठक हुई।
इसमें पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, एमडी यूपीपीसीएल और एमडी पीवीवीएनएल ने 24 घंटे बिजली देने के विकल्पों पर विचार किया। शाम को इन अधिकारियों की बैठक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ होनी थी, लेकिन उनकी व्यवस्तता के चलते यह टल गई।
सांसद गाजियाबाद रिटायर्ड जनरल वीके सिंह के सीएम को लिखे पत्र का असर दिखने लगा है। नोएडा, बनारस और गाजियाबाद संभाग में 24 घंटे बिजली देने की योजना पर अधिकारियों ने विचार किया।
पावर कारपोरेशन केचेयरमैन संजय अग्रवाल, यूपीपीसीएल के एमडी एपी मिश्रा और पीवीवीएनएल के एमडी वीवी पंत ने कारपोरेशन अफसरों की बैठक बुलाई थी। नोएडा के शक्ति सदन में आयोजित बैठक में गाजियाबाद-नोएडा व बनारस संभाग के चीफ इंजीनियर और एसई की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। इसमें ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के अधिकारियों ने भाग लिया।
चीफ इंजीनियर डिस्ट्रीब्यूशन राशिद अबरार और ट्रांसमिशन योगेंद्र नाथ ने 24 घंटे बिजली देने के लिए जरूरी संसाधनों की प्रारंभिक रिपोर्ट अफसरों को सौंपी। इससे पहले चीफ आफिस में बुधवार को रात दो बजे तक अफसरों ने इसकी योजना तैयार की थी।
अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद महानगर को 24 घंटे आपूर्ति देने के लिए 24 नए पावर स्टेशन लगाने और 24 की क्षमता वृद्धि के लिए बजट की तत्काल जरूरत बताई गई है। नौ नई लाइनों का निर्माण भी कराया जाना है।
यहां तत्काल पावर सप्लाई सुधारने के लिए स्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है। इसके लिए तत्काल 12 सौ करोड़ रुपये चाहिए। संसाधनों को सुदृढृ करने के लिए गाजियाबाद, बुलंदशहर व हापुड़ में ढ़ाई हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। इसका संपूर्ण रिकार्ड तैयार कर लिया गया है।
कारपोरेशन के अधिकारियों की बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल के साथ बैठक होनी थी। चेयरमैन के साथ यूपी के अधिकारी दिल्ली पहुंचे भी, लेकिन मंत्री की व्यस्तता के चलते बैठक नहीं हो सकी। अब इसके लिए सोमवार का समय निर्धारित किया गया है।