इराक में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के दर्जनों लोग फंसे हैं। उनमें से ज्यादातर से फोन से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसलिए पंजाब के लोगों की तरह यहां ऐसे युवकों के घरवाले चिंतित हैं।
मालूम हो कि नदिया जिले के कई गांवों से रोजी-रोटी के लिए युवक अरब देशों में जाते हैं। ऐसे ही एक युवक ने इराक से अपने घर पर बात की।
बांग्लादेश की सीमा से लगे तेहट्टा इलाके के इलसेमारी गांव के खोकन सिकदार ने रविवार को कुछ देर के लिए अपने घर पर फोन किया।
खोकन सिकदार की पत्नी नमिता देवी ने बताया, ‘फोन पर बम और फायरिंग की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। खोकन ने कांपती हुई आवाज में कहा था कि शायद अब कभी तुम लोगों से दोबारा मुलाकात नहीं होगी। उसके बाद से उसका फोन बंद हो गया है।’
नदिया के डीएम पीबीसलीम कहते हैं, ‘जिला प्रशासन इराक में फंसे इलाके के लोगों से संबंधित आंकड़े जुटा रहा है। आंकड़े मिल जाने पर राज्य सरकार की सहायता से कार्रवाई की जाएगी।’सीमावर्ती इलाके के चापड़ा स्थित महखोला गांव के समर टिकादार कोई ढाई साल पहले लकड़ी मिस्त्री का काम करने मौसुल गए थे।
उन्होंने आखिरी बार बुधवार की रात को घर पर फोन किया था। समर ने कहा था कि वे किसी तरह शीघ्र घर लौटने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद फोन बंद हो गया और तब से उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिली है।
समर की पत्नी दीपाली देवी कहती हैं, ‘मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है। यह तय नहीं कर पा रही हूं कि किस खबर पर भरोसा करूं और किस पर नहीं।’