भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी इन दिनों यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में बैक टू बैक जनसभाएं कर रहे हैं।
सोमवार को पांच जनसभाओं में से एक अयोध्या में होने वाली जनसभा पर सबकी नजर थी।
लोगों को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी प्रभु राम की इस पावन धरती से मंदिर निर्माण पर कुछ बोलेंगे लेकिन मोदी ने राम का नाम तो लिया, पर मंदिर मुद्दा कहीं पीछे छूट गया।
उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि रामराज की बात छेड़ी लेकिन राम मंदिर निर्माण पर चुप्पी साध ली।
मोदी ने कहा कि सोनिया परोसती है, और बाकी लोग खाते हैं, यहां यूपी में कुश्ती होती है लेकिन दिल्ली में दोस्ती हो जाती है।
देश का मतदाता जाग चुका है। गोली मारकर की गई हिन्दू युवा वाहिनी के जिला संयोजक रहे रामबाबू गुप्त की हत्या के बहुचर्चित मामले का जिक्र तो उन्होंने नहीं किया।
लेकिन मंच पर मौजूद उनकी पत्नी संजू देवी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आखिर इनका सिंदूर क्यों पोछ दिया गया। पति की हत्या किसने कर दी।
तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि अब देश में कोई दूसरी ऐसी संजू देवी नहीं होगी, जिसे न्याय के लिए तड़पना पड़े। शिवबाबा की पवित्र धरती का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी के साथ न्याय तय होगा।
वे अन्याय के खिलाफ बचपन से लड़ते आए हैं। मोदी ने जोर देकर कहा कि सांसद को गुनहगारों से मुक्त कराने के लिए चुनाव के बाद दागदार एमपी का मामला सुप्रीम कोर्ट के सुपुर्द कर देंगे।
इसमें यदि खुद उनके ऊपर भी मामला निकला तो वह भी सुप्रीम कोर्ट के सुपुर्द होगा। कोई भी इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा। जो काम कांग्रेस 60 वर्षों में नहीं कर पाई उसे मैं करके दिखाऊंगा।