आम आदमी पार्टी के गुड़गांव संसदीय सीट से उम्मीदवार योंगेंद्र यादव ने पार्टी में फूट पर सफाई देते हुए कहा कि सभी नेता एवं कार्यकर्ता संगठित हैं।
उन्होंने 250 कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की बात को गलत बताते हुए कहा कि जिला कार्यकारणी के पांच सदस्यों में से दो ने पहले ही आप से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा जिन तीन लोगों ने पार्टी छोड़ी है उनमें से एक पर गंभीर आरोप हैं। वह आप में रहकर किसी अन्य दल के लिए काम कर रहे थे। आज नहीं तो कल उन्हें बाहर कर ही दिया जाता।
उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ स्टिंग में सबूत इकट्ठे किए गए हैं। 10 दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता पंकज गांधी ने उनके साथ बैठक कर उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी थी। इसके बावजूद वे नहीं माने।
उन्होंने पार्टी के ढाई सौ कार्यकर्ताओं के छोड़ने के बारे में कहा कि जो ऐसा कह रहे हैं वे उनके नाम भी सामने लाएं। उन्होंने राहुल गांधी के करीबी होने के विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया।
उन्होंने कहा कि वह मेवात में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की मांग के सिलसिले में राहुल गांधी से मिले कभी मिले जरूर थे। उसके बाद कॉलेज का निर्माण भी हो चुका है और आप दिल्ली में कांग्रेंस के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है।
उन्होंने दागियों को टिकट दिए जाने के बारे में कहा कि जिनके बारे में ऐसा कहा जा रहा है उनके खिलाफ तमाम दस्तावेज पार्टी के लोकपाल को सौंपे गए थे। उधर से हरी झंडी मिलने के बाद ही उन्हें टिकट दिया गया। पार्टी के किसी नेता का उन्हें टिकट दिलाने में कोई रोल नहीं है।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आज जो लोग उनका विरोध कर रहे हैं उन्होंने ही कभी पार्टी को मुझे गुड़गांव से चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने पुराने कार्यकर्ताओं पर नए लोगों के थोपे जाने को लेकर सफाई दी कि काम बढ़ने पर नए लोगों की सहायता लेनी ही पड़ती है। इस मुददे पर किसी को आपत्ति थी तो इसे मिल बैठकर सुलझाया जा सकता था।