पशु प्रेमियों के कुत्तो के अनुचित अधिकारों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने पशु प्रेमी याचिका करता से ऐसा सवाल पूछ लिया की उसकी बोलती बंद हो गयी है उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को कानूनी इकाई के तौर पर पशुओं को समानता दिए जाने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या वह अपने कुत्ते को अपने बराबर मानता है और यह किस तरह का अनुरोध है।
उन्होंने पशु प्रेमी को भ्रमित बताते हुए कहा कि पूरे पशु साम्राज्य को एक कानूनी इकाई माना जाए आप चाहते हैं कि हम जानवरों को मुकदमा चलाने में सक्षम घोषित करें और उन पर मुकदमा चलाया जाए? क्या आप उन्हें एक कानूनी व्यक्तित्व दिए जाने की मांग कर रहे है? इस पर याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जानवरों को संपत्ति के रूप में माना जाता है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, लेकिन वे आपके बराबर नहीं हैं। क्या आपका कुत्ता आपके बराबर है?
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया की धर्म ग्रंथो में इस बात का जिक्र है की कुत्ता और इंसान बराबर है इस पर कोर्ट ने कहा की क्या हम पेड़ो को भी कानूनी संस्था बना सकते है इसके बाद कोर्ट ने पशु प्रेमी याचिका करता से कहा की आप भ्रमित है कोर्ट ने कहा की हम आपकी मांग पर नोटिस जारी कर रहे है लेकिन ये ज़रूरी नहीं की हम आपकी मांग मान लेंगे