दहशत और आतंक का पर्याय बनी आदमखोर बाघिन के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व एरिया वरदान बना है। बृहस्पतिवार को कालागढ़ में कार्बेट और मुरादाबाद मंडल के वन अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें कार्बेट अधिकारी रिजर्व एरिया में शूट आउट परमिट की बात से किनारा कर गए।
हालांकि मुरादाबाद मंडल के वन अधिकारियों को रिजर्व एरिया में बाघिन पकड़ने के लिए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया गया।
यूपी के मुरादाबाद, संभल, बिजनौर व उत्तराखंड के कार्बेट टाइगर रिजर्व एरिया में 26 दिसंबर 2013 से आदमखोर बाघिन का आतंक फैला हुआ है। वन विभाग के अधिकारी शूटरों को साथ लेकर 51 दिन से बाघिन का पीछा कर रहे हैं।
बाघिन को शूट करना तो दूर अभी तक उसे देख भी नहीं पाए हैं। एसडीओ बिजनौर सलील कुमार शुक्ला ने बताया कि बाघिन को लेकर हुई बैठक में कार्बेट पार्क में शूट आउट का परमिट जारी कराने का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन अधिकारी इस मुद्दे से किनारा कर गए और कोई चर्चा नहीं की।
दिनभर हुई बारिश के कारण आदमखोर बाघिन की तलाश में लगे शूटर व वनकर्मी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। बाघिन के खतरे को देखते हुए अब वन विभाग अमानगढ़ रेंज में दो पिंजरे लगाने की तैयारी में है।
कंजरवेटर मुरादाबाद कमलेश कुमार ने बताया कि अमानगढ़ रेंज में अलर्ट जारी किया गया है। अमानगढ़ में 15 कैमरे लगाए गए हैं।