निर्जला एकादशी और गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में सेक्टर 55 की बाहरी मेन रोड पर, सेक्टर 22 नौएडा के सामने पंजाबी विकास मंच द्वारा ठंडे शरबत की छबील का आयोजन किया गया। जिसमें जरूरतमंदों को तौलिये भी वितरित किये गये। कार्यक्रम का महत्वपूर्ण प्रसंग इसका इकोफ्रैंडली होना भी था जिसमे प्लास्टिक की जगह कागज के गिलासों का उपयोग किया गया।
एकादशी और शहीदी दिवस का महत्व
सामाजिक चिंतक अंजना भागी ने बताया कि हिंदू धर्म में 24 एकादशियों का बहुत महत्व है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इसकी कथा में हिंदू धर्म की बहुत बड़ी विशेषता है कि वह सबको धारण ही नहीं करता है, सबके योग्य नियमों की लचीली व्यवस्था भी करता है। महर्षि वेदव्यास ने पाडंवों को एकादशी व्रत का संकल्प कराया तो भीम ने कहा,’’पितामह इसमें प्रति पक्ष एक दिन के उपवास की बात कही है। पर मैं तो एक समय भी भोजन के बगैर नहीं रह सकता। मेरे पेट में ’वृक’ नाम की जो अग्नि है उसे शांत रखने के लिए मुझे कई लोगों के बराबर और कई बार भोजन करना पड़ता है। क्या अपनी उस भूख के कारण मैं एकादशी जैसे पुण्य व्रत से वंचित रह जाऊंगा?’’ यह सुनते ही महर्षि ने भीम का मनोबल बढ़ाते हुए कहा,’’आप ज्येष्ठ मास की निर्जला नाम की एकादशी का व्रत करो। तुम्हें वर्ष भर की एकादशियों का फल मिलेगा।’’
सिख समुदाय में गुरु परंपरा के पाँचवें गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस उनकी शहादत को याद करने के लिए मनाते हैं। गुरु अर्जुन देव जी सिख धर्म के पहले शहीद हैं। इन्होंने धर्म के लिए अपनी शहादत दी। गुरु जी ने सिखों को अपनी कमाई का दसवां हिस्सा धार्मिक और सामाजिक कार्यों में लगाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के ये लोग रहे सहयोगी
एकादशी और शहीदी दिवस के इस पावन पर्व पर , दीपक विग,जी.के. बंसल, ओ पी गोयल,संजीव बांदा, सुनील वाधवा, जे.एम. सेठ, अमरदीपशाह, प्रदीप वोहरा, सुनील वर्मा,हरीश सबरवाल,गजेंद्र बंसल, संजय मावी, वंदना बसंल, अलका सूद, नीता भाटिया, मंजु सेठ, नीलम भागी, अंजना भागी, प्रभा जयरथ , सवकेश गुप्ता, ऋतु दुग्गल, मंजू शर्मा, पारुल सेठ, यशपालभनोट, एस॰एस॰सचदेवा , संजय खत्री,अजय अग्रवाल ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं पंजाबी विकास मंच के सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।