दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल विधानसभा में पेश ना होने पर आखिरकार अपना इस्तीफा दे ही दिया। केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस-भाजपा पर जमकर हमला बोला।
साथ ही केजरीवाल ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर मुकेश अंबानी के साथ संबंध होने के आरोप लगाए। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दस साल से यूपीए की दुकान मुकेश अंबानी चला रहे थे। तो मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी की रैली का खर्चा कहां से आ रहा है।
केजरीवाल सरकार ने 28 दिसंबर, 2013 को रामलीला मैदान में शपथ ली थी और 14 फरवरी 2014 को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। इन 49 दिनों में करीब डेढ़ दर्जन निर्णय लिए। जानिए, क्या-क्या थे केजरीवाल सरकार के अहम फैसले?
नेताओं का वीआईपी कल्चर और लाल बत्ती कल्चर खत्म किया। चार सौ यूनिट की खपत तक बिजली के दाम आधे किए। बिजली कंपनियों के खातों की कैग से जांच कराने का निर्णय लिया।
20 हजार लीटर पानी हर घर में मुफ्त देने का ऐलान किया। साढ़े पांच हजार नए ऑटो को परमिट दिया। पानी टैंकर माफिया को खत्म करने की पहल की। भ्रष्टाचार रोकने के लिए हेल्पलाइन शुरू की।
महिला दल के गठन की प्रक्रिया शुरू की। नर्सरी स्कूलों में एडमिशन की समस्याओं से मुक्ति के लिए हेल्पलाइन आरंभ की। निजी स्कूलों में प्रबंधक कोटा खत्म किया। उच्च शिक्षा में 10 हजार छात्रवृत्तियां शुरू कीं। 58 नए रैन बसेरे बनाए गए।
दिल्ली में रिटेल में एफडीआई पर रोक लगाई। भ्रष्टाचार से लड़ने के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता दी। ठेकेदारी पर चल रही नौकरियों को स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू की। नवंबर 84 सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।