दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक दलों के बीच नए समीकरण बनने की जमीन तैयार होने लगी है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद यदि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है, तो वे आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से परहेज नहीं करेंगी।
हालांकि, आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस या भाजपा किसी भी दल के साथ गठबंधन करने से इनकार किया है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा है कि किसी भी स्थिति में वे कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
शीला ने चुनावी सर्वे को किया खारिज
शीला दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर किए जा रहे सर्वे को खारिज किया। अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सभी अपने सर्वे में स्वयं को आगे बता रहे हैं। मैं भी कह रही हूं कि हम आगे हैं। हमें विश्वास है कि दिल्ली की जनता कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए किसी के सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
शीला दीक्षित ने अपने विभिन्न पार्टियों के विस चुनाव से संबंधित आ रहे सर्वे पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह भी सबसे आगे होने का दावा कर रही हैं। दिल्ली की जनता उन्हें स्पष्ट बहुमत देगी।
बहुमत से कुछ पीछे रहने पर वह क्या करेंगी, क्या आम आदमी पार्टी से समर्थन मांगा जाएगा? इन सब सवालों को टालते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी नौबत आएगी ही नहीं क्योंकि हमारी सरकार बन रही है।
हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि गठबंधन के बारे में किसी भी पार्टी को बहुमन न मिलने की परिस्थिति में विचार किया जाएगा।
केजरीवाल ने गठबंधन से किया इनकार
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी स्थिति में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
उन्होंने ट्विटर पर कहा कि शीला दीक्षित कह रहीं हैं कि उनके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। यदि ऐसी कोई आवश्यकता है तो फिर भाजपा और कांग्रेस को गठबंधन करने दीजिए।
उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित का बयान दिखाता है कि उन्होंने हार मान ली है।