अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा का भरूच में शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी साथ थे। अपने भाषण में मोदी ने कहा कि पटेल किसी पार्टी के नहीं थे बल्कि देश की धरोहर थे। उन्होंने सरदार सरोवर बांध का काम पूरा न होने के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस बांध का काफी हद तक काम पूरा हो चुका है लेकिन इस बांध पर गेट न लगने से इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है। इस मौके पर आडवाणी ने कहा कि यदि पटेल न होते तो देश टुकड़े-टुकड़े हो जाता।
इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने पीएम मनमोहन सिंह की उनके उस बयान के लिए प्रशंसा की जिसमें उन्होंने सरदार पटेल को सेक्यूलर बताया था। मोदी ने कहा कि आज देश को वोट बैंक की राजनीति से निजात दिलाने की जरूरत है। उन्होंने भारत की सांझी विरासत को संजोने और इसको नष्ट न होने देने के लिए आहवान किया। मोदी ने मंच से केंद्र पर निशाना साधा कि इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार में आज के दिन सरदार पटेल को याद किया गया है। पटेल के इस स्मारक में एक डिजिटल वर्ल्ड होगा जिसमें सात लाख गांव का ब्यौरा दर्ज होगा।
उन्होंने आने वाली पीढी को इतिहास को जानने और समझने का भी आहवान किया। मोदी ने कहा कि इतिहास से विमुख होकर हमने अपने समाज को टूटने नहीं देना है। मोदी ने कहा कि जब उन्होंने महात्मा गांधी का मंदिर बनाया तो किसी ने आकर उनसे सवाल नहीं किया, लेकिन अब जब सरदार पटेल की मूर्ति की बात हुई तो कहा जा रहा है कि मोदी भाजपा से हैं और सरदार पटेल कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति देश की एकता का प्रतीक है, क्योंकि यह मूर्ति देश के घरों से मिले लोहे से तैयार होगी।
सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा को मोदी की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। इसका नाम स्टेच्यू ऑफ यूनिटी रखा गया है। लोहे की इस विशाल प्रतिमा के लिए ठेका बुर्ज खलीफा बनाने वाली कंपनी को दिया गया है। इस मूर्ति के लिए पहले ही गुजरात सरकार सौ करोड़ रुपये पास कर चुकी है। 182 मीटर ऊंची यह मूर्ति बनने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। यह स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुना बड़ी होगी। आज सरदार पटेल का जन्मदिन भी है।
182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के करीब साधु बेत पर बननी है। निर्माण के बाद दुनिया की यह सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। मोदी ने इस प्रतिमा के लिए किसानों से लोहा दान करने की अपील की है। गुरुवार को ही मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। यह अमेरिका की मशहूर स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुना ऊंची होगी।
मूर्ति का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ही 2000 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। चीन की 153 मीटर ऊंची स्प्रिंग टेंपल बुद्धा मूर्ति इसकी नजदीकी प्रतिद्वंद्वी होगी। इस बीच स्टैचू ऑफ यूनिटी की नींव रखे जाने से पहले मोदी ने अपने ब्लॉग पर लिखा, इस साल सरदार पटेल की जयंती ज्यादा खास होगी क्योंकि हम स्टैचू ऑफ यूनिटी की नींव रखने जा रहे हैं। भारत के लौह पुरुष के सम्मान में बनाई गई यह मूर्ति 182 मीटर की होगी और दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में होगी।