40,000 रूपए मकान की किस्त देनी है. बेटी की क्वाटर्ली फीस 18000 रूपए है. राशन के 11000 बाकी है. तीनो ही ज़रूरी है. चार साल पुरानी कार के शायद सवा लाख मिल जायेंगे. पापा गुजर गए वरना कुछ इंतजाम हो सकता था.
काफी कैफे डे में IBN 7 में (परसों तक काम कर रहे) एक मित्र से ये घंटे भर की बात का दुखद सार है. आधी काफी वहीँ छूट गयी. और घर लौटते समय दो बार गाडी भिड़ते भिड़ते बची.
सोच रहा हूँ कि मैं खुद कितना लाचार हूँ. इस मित्र को सिर्फ सुनता रहा. ऐसे 300 पत्रकार और भी हैं जिनके घर का यही हाल होगा…. कितने बेहाल होंगे ये सब और कौन करेगा अब इन साथियों की मदद ?
सोच रहा हूँ कि हिंदुस्तान का सबसे अमीर आदमी सबसे गरीब निकला. सोच रहा हूँ कि मुकेश अंबानी किस बात के अंबानी है अगर वो खुद के ख़रीदे गए चैनल में छंटनी नही रोक सकते है. लेकिन जो यतीमो की कब्ज़ा की गयी ज़मीं पर दुनिया का सबसे महंगा घर बना सकता है उसकी नियत पर अब क्या सवाल उठाना.
सोच रहा हूँ कि अब IBN के असली मालिक मुकेश अंबानी पर दबाव कौन बना सकता है ? दबाव बने तो बाकी पत्रकार तो बच जाए छंटनी से . लेकिन ये भी सोच रहा हूँ कि राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी से लेकर इस देश के कथित विकल्प यानी नमो नारायण भी अंबानी के दरबारी है. तो कौन बनाएगा दबाव ?
सोच रहा हूँ कि क्या हल निकल सकता है ? मित्रों हल जल्दी निकलना चाहिए . कहीं ऐसा ना हो कि IBN की आग और मीडिया घरों तक पहुँच जाये ? मित्रों सोचने दीजिए…वाकई मुश्किल वक्त है.
(आजतक के पत्रकार दीपक शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार)