नई दिल्ली. ‘कुत्ते के बच्चे’ वाले मोदी के विवादित बयान पर उनका बचाव करने वाले विजय बहादुर सिंह को बीएसपी ने निकाल दिया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पिछले दिनों कहा था कि मोदी का बचाव करने वाले हमीरपुर के सांसद को पहली और आखिरी चेतावनी दी गई है। विजय बहादुर सिंह ने मोदी का यह कहते हुए बचाव किया था कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं बोली बल्कि उनके बयान का गलत निकाला जा रहा है।
दूसरी तरफ, नरेंद्र मोदी मुश्किल में घिरते हुए दिख रहे हैं। उनके खिलाफ पटना में राजद्रोह और दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने का मुकदमा दर्ज हुआ है (आगे की स्लाइड में विस्तार से पढ़िए)।
वहीं, मोदी का 2002 के गुजरात दंगे पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। इन्हीं दंगों के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराने की वजह से दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष और थिएटर डाइरेक्टर आमिर रजा हुसैन को बीजेपी से इस्तीफा देना पड़ा है।
आमिर रजा हुसैन ने मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें घटिया आदमी करार दिया। रजा ने कहा, ‘ऐसा भी घटिया आदमी हो सकता है क्या? जो एक तरफ दो हजार आदमियों को मार दे और दूसरी तरफ कुत्ते का बच्चा कह रहा हो। हमारे यहां कुत्ते का बच्चा गाली है। वह बिल्ली का बच्चा भी कह सकता है।’
रजा का कहना है कि बीजेपी सत्ता में लौट सकती है अगर मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार न रहें। अगर मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार बनते हैं तो मुसलमान समाज सपा, बसपा तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, बीजेडी जैसी किसी भी पार्टी को वोट दे सकता है।
इससे पहले रजा ने एक बयान में मोदी को गुजरात दंगों के दौरान सैकड़ों मुसलमानों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश का एकमात्र स्टेट्समैन बताया था। हुसैन ने कहा था, ‘मोदी उस दंगे के लिए जिम्मेदार थे, जिसने 2,000 लोगों की जान ली। अगर हमें कांग्रेस पार्टी के कुशासन से छुटकारा पाना है तो हमारे पास सिर्फ आडवाणी का विकल्प है। आडवाणी के ही नेतृत्व में बीजेपी को मुस्लिम तबके और उदारवादियों का वोट मिलेगा।’
मोदी को जिम्मेदार ठहराए जाने के रजा हुसैन के सोमवार को आए बयान के बाद मंगलवार को पार्टी में बवाल मच गया। मंगलवार को रजा हुसैन को इस्तीफा देना पड़ा। रजा हुसैन ने सोमवार को टीवी चैनल पर चर्चा करते हुए मोदी को सबको साथ लेकर चलने वाला नहीं बल्कि बांटने वाला नेता बताया था।
पद्म श्री प्राप्त कर चुके आमिर रजा हुसैन को बीजेपी की दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष विजय गोयल ने अपनी कोर टीम में शामिल किया था। मंगलवार को गोयल ने एक बयान जारी कर पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की। गोयल ने दावा किया, ‘हुसैन ने कहा है कि उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था जिससे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चोट लगी है। उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।’
लेकिन आमिर रजा हुसैन ने गोयल के दावे के उलट कहा कि उन्होंने एक टीवी चैनल पर बहस करते हुए कही गई बात को लेकर कोई पछतावा जाहिर नहीं किया है। रजा ने कहा, ‘मैंने जो कहा, मैं उस पर कायम हूं।’
रजा हुसैन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के नेता और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बीजेपी पर हमला बोला है। तिवारी ने पूछा है कि मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन कहां खड़े हैं? बीजेपी में शामिल हो चुके पुराने समाजवादी चुप क्यों हैं?