सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अब 13 वर्ष से कम आयु के बच्चे अपना एकांउट नहीं खोल पाएंगे। हाईकोर्ट ने फेस बुक को अपने मुख्य पृष्ठ पर उल्लेख करने का निर्देश दिया है कि 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों का उनके यहां पंजीकरण नहीं होगा।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बी.डी.अहमद व न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने फेस बुक को इस पर कड़ाई से अमल करने का निर्देश दिया है।
फेसबुक के अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने खंडपीठ को आश्वासन दिया कि हम मुख्य पृष्ठ पर इस संबंध में स्पष्ट रूप से उल्लेख करेंगे।
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि आप मुख्य पृष्ठ पर बोल्ड कर लिखे के 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों का पंजीकरण नहीं होगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उसका फेसबुक एकाउंट न खुले।
खंडपीठ ने केंद्र सरकार को भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि बच्चे सोशल नेटवर्किंग का दुरूपयोग न करे क्या इस संबंध में कोई कानून है या नहीं? इसके अलावा नाबालिग फेसबुक का प्रयोग करते है तो इस संबंध में भी क्या कोई कानून बनाया गया है या नहीं?
खंडपीठ पूर्व भाजपा नेता के.एन.गोविंदाचार्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फेसबुक पर बच्चे भी सदस्य बन रहे है और इससे उन पर बुरा असर पड़ रहा है।
याची के अधिवक्ता विराग गुप्ता ने कहा कुछ दिन पहले ही गुड़गांव में एक पार्टी पर छापेमारी में काफी तादाद में नाबालिग सेक्स व धूम्रपान करते हुए पाए गए है। उन्होंने कहा यह सब फेसबुक के संबंध में दिशा निर्देश न होने के कारण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि उक्त पार्टी में बच्चे फेसबुक के जरिए जानकारी मिलने पर पंहुचे थे। ऐसे में नाबालिगों के संरक्षण के लिए दिशा निर्देश तय किए जाने जरूरी है।
रविवार को गुड़गांव में दिल्ली के नामी पब्लिक स्कूलों के टीनएजर्स स्टूडेंट पब में नशा करते पकड़े गए थे। पूछताछ में पता चला है कि उन टीनएजर्स ने फेसबुक के जरिये सैक्स और स्मोक पार्टी करने की योजना बनाई थी।