
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मसौदा जारी होने के बाद उसमें 40 लाख लोगों के नाम छूटने के मुद्दे पर सियासत में उबाल आ गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां तक कह दिया कि इससे गृहयुद्ध छिड़ सकता है. दैनिक जागरण को दिए एक इंटरव्यू में इस मुद्दे पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. उसके बाद जनता की आंखों में धूल झोंककर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. उसे अब धरातल पर उतारने का साहस हमने किया है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ”वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग ही एनआरसी के मुद्दे पर अलग-अलग भाषा में बोल रहे हैं. ये वही लोग हैं जो वोटरलिस्ट से लोगों का नाम निकालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं. ये लोग बालासाहेब ठाकरे के मताधिकार छिनने पर जश्न मनाते हैं और आज एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मातम मना रहे हैं.”