लीडर कितना भी बड़ा हो अगर वह जन भावनाओं को समझ नहीं पा रहा तो फिर फेल हो जाता है मोदी जी शायद इसी स्थिति से गुजर रहे हैं पूरे देश की जनता इस समय तबलीगी ओं के कोरो ना जेहाद और उसके बाद हॉस्पिटल में सड़क पर डॉक्टर्स पर थूकना उनको गाली देना उनको पीटना उस से आक्रोशित है लोग उम्मीद कर रहे थे कि मोदी जी शायद उस पर कुछ बोलेंगे लेकिन मोदी जी सिर्फ दिया जलाने की बात करने लगे
मोदी जी दिया तो लोग जला देंगे आप को वोट दिया है आप का मान रखा है हमेशा लेकिन जो वह सुनना चाहते थे वह बोल नहीं पा रहे हैं
आप तक उनकी अगर आवाज पहुंच नहीं पा रही है तो खुद को अपडेट कीजिए क्योंकि जनता इन तबलीगी की वजह से इस समय खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है मैं इस बात को दोबारा कह रहा हूं कि जो स्थिति है इसके बाद गृह युद्ध हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है आपको उस को संबोधित करना था
२००९ में कांग्रेस की दुबारा सरकार बनने के बाद कांग्रेस भी ऐसे ही बेतुकी बातें करने लगी थी । जनता रेशेशन से दुखी थी कपिल सिब्बल जैसे मंत्री जीरो लास पर ज्ञान देते थे । मनमोहन सिंह देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों पर बताने लगे थे ।
समय पर चेत जाइए नहीं तो ना नोबेल मिलेगा ना आगे भाजपा को दुबारा वोट