लाहौर/इस्लामाबाद।। सरबजीत सिंह का पाकिस्तान के अस्पताल में निधन हो गया है। पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए 49 साल के सरबजीत सिंह पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में 4 से 5 कैदियों ने हमला किया जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें वहां के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे तभी से वेंटिलेटर पर थे।
पाकिस्तान के समय के मुताबिक आधी रात को 1 बजे और भारतीय समय के मुताबिक सवा एक बजे सरबजीत ने आखिरी सांस ली। निधन के बाद जिन्ना अस्पताल के बाहर पुलिस की भारी तैनाती कर दी गई। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद भारत को सौंपा जाएगा। सरबजीत का परिवार बुधवार को ही तीन दिन पाकिस्तान में रहने के बाद भारत लौटा था।
पाकिस्तान की एक अदालत ने लाहौर और मुल्तान में हुए बम धमाकों के आरोप में सरबजीत को 1990 में फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद से वे वहां की जेल में बंद थे।
सरबजीत सिंह की बिगड़ती हालत पर चिंता जाहिर करते हुए भारत ने पाकिस्तान से उन्हें मानवीय और सहानुभूति के आधार पर रिहा करने या उचित इलाज के लिए किसी तीसरे देश भेजने के लिए कहा था। वहीं, डॉक्टरों के यह संकेत देने के बाद कि सरबजीत सिंह की चिकित्सकीय रूप से मृत्यु हो चुकी है, उन्हें देखने गया उनका परिवार बुधवार को भारत लौट आया।
हमले की जानकारी मिलने के बाद सरबजीत की बहन, उनकी पत्नी और दो बेटियां पाकिस्तान गई थीं पाकिस्तान से निराश हो कर लौटे सरबजीत के परिवार के सदस्यों ने दोनों देशों की सरकारों की आलोचना की और कहा कि सरबजीत को बचाने में नाकाम रहे मनमोहन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए।
भारत में उनका परिवार यह दावा करता आया है कि अगस्त 1990 में वह अनजाने में सीमा पार पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे। लेकिन पाकिस्तानी पुलिस उन्हें आतंकवादी मानती है।