दादरी सीट पर विपक्ष की शुरू हो गई है तैयारी, सबकी नजर कोरोना और निजी स्कूलों की फीस पर सोसाइटी के वोटर्स की नाराजगी पर

दादरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है । समाजवादी पार्टी में कल ग्रेटर नोएडा से दादरी तक साइकिल यात्रा निकालकर चुनावी तैयारी के संकेत दे दिए हैं वही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी लगातार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा रही है समाजवादी पार्टी में अब तक 6 से ज्यादा प्रत्याशी अपना दावा ठोक रहे हैं जिसमें वरिष्ठ नेता प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार भाटी और श्याम सिंह भाटी जैसे बड़े नाम भी शामिल है । राजकुमार भाटी बीते दिनों अखिलेश यादव को लेकर अखिलेश आ रहे हैं जैसा गीत लिखकर संकेत दे चुके हैं कि इन चुनावों में अपना दावा जरूर रखेंगे और उनके कद को देखते हुए समाजवादी पार्टी क्षेत्र में जीत की संभावना भी बना सकती है । उनकी नजर यहां के मुस्लिम, ठाकुर और गुर्जर वोटो पर रहेगी
आम आदमी पार्टी से भी अभी तक हरदीप भाटी और कमांडो अशोक का नाम सामने आ रहा है । कमांडो अशोक निर्दलीय गौतम बुध नगर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि कई लोग सांसद संजय सिंह तक अपना बायोडाटा दे रहे हैं और आगे जाकर कई नाम सामने और आ सकते हैं
तो कांग्रेस पार्टी भी इस बार दमखम से उतरने की तैयारी करके देख रही है कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस से वीरेंद्र गुड्डू, दीपक चोटीवाला, महेंद्र नगर जैसे नाम चुनाव लड़ने के लिए अपना अपना दांव खेलने में लग गए हैं
दादरी सीट पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के लिए दादरी सीट मुश्किल होने जा रही है लगभग सभी राजनीतिक दलों में इस सीट पर गुर्जर प्रत्याशियों की दावेदारी है और सभी प्रत्याशी सोसाइटी के वोटर्स का भाजपा के खिलाफ असंतोष को साधने में लग गए हैं । आम आदमी पार्टी लगातार ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी के ऐसे लोगो से संपर्क बना रही है जो प्राइवेट स्कूलों की फीस माफ ना होने और कोरोना कॉल में भाजपा नेताओं द्वारा कोई सहायता ना करने के कारण सरकार के खिलाफ हैं । जानकारों की मानें तो 35 परसेंट से ज्यादा लोग इस समय भारतीय जनता पार्टी से इन मुद्दों पर बेहद नाराज है लगातार यहां के सामाजिक संगठन विपक्षी दलों से संपर्क साध रहे हैं और भाजपा के खिलाफ मुहिम चलाने की कोशिश कर रहे हैं
कांग्रेस की रणनीति अभी तक गांव के वोटर्स पर लगी हुई है कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि गांव के वोटों को एक बार अगर उन्होंने अपने साथ ले लिया तो भाजपा का जीत का चक्र तोड़ने में आसानी रहेगी वही सोसाइटी से अगर 10 से 15 परसेंट वोट भी कन्वर्ट हो गया तो इस सीट को वापस जीता जा सकेगा
लेकिन दादरी सीट पर 2017 से पहले जीतने वाली बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है । बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र अगस्त के दूसरे सप्ताह में जिले में आ रहे है जहां से बसपा की रणनीति स्पष्ट होगी ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्ष आने वाले दिनों में क्या रणनीति अपना आएगा यही इस विधानसभा का भविष्य तय करेगी