उत्तर प्रदेश के खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राजा राम पांडेय को सड़कों की तुलना हेमा मालिनी के गालों से करना भारी पड़ गया है। इस बयान ने उनकी कुर्सी छीन ली है।
पांडेय को शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।
पांडेय ने यह विवादित बयान यूपी के प्रतापगढ़ में दिया था। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, ‘बेला की सड़कें हेमा मालिनी के गालों जैसी चमकेंगी, अभी तो फेशियल हो रहा है।
दरअसल पांडेय का यह दूसरा विवादित बयान था, इससे पहले उन्होंने सुल्तानपुर की डीएम धनलक्ष्मी की तारीफ करते हुए अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी।
इस बार प्रतापगढ़ में एक कार्यक्रम में उन्होंने हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित के गालों जैसी सड़कें बनवाने की बात कही थी जो इस बार उन्हें भारी पड़ गई।
महिलाओं के प्रति उल्टी-सीधी बयानबाजी से खफा मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से उन्हें हटाने की सिफारिश की, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। देर रात उन्हें मंत्रिपद से हटाए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई।
खादी ग्रामोद्योग विभाग मुख्यमंत्री ने फिलहाल अपने पास ही रखा है। इस साल फरवरी में पांडेय उस वक्त ज्यादा ही चर्चित हुए जब वे सुल्तानपुर के कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बेरोजगारों को चेक बांटने के लिए आयोजित समारोह में जिले की डीएम की खूबसूरती पर फिदा होते नजर आए।
पांडेय ने डीएम धनलक्ष्मी की खूबसूरती की प्रशंसा में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। लगे हाथ उन्होंने जिले की पूर्व और वर्तमान डीएम की खूबसूरती की तुलना भी कर डाली थी। मामला महिला आयोग तक पहुंचा और आयोग ने उन्हें नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण भी मांगा था।
पिछले साल मार्च में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही राजा राम पांडेय चर्चा में रहे हैं। मंत्री बनते ही एक प्रमुख सचिव से बंगले को लेकर उनका विवाद हुआ।
इसके बाद पांडेय के ही विभाग के राज्यमंत्री रियाज अहमद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रियाज अहमद ने मुख्यमंत्री को लंबा-चौड़ा शिकायती पत्र सौंपकर आरोप लगाया गया था कि राजाराम पांडेय ट्रांसफर-पोस्टिंग में घूस लेते हैं।