राजेश बैरागी । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर पिछले तीन महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन के सुखद पटाक्षेप का सेहरा किसके सिर पर सजेगा?
इन सभी को पीछे छोड़कर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह तेजी से किसान आंदोलन के समाधान की धुरी बनती जा रही हैं। उनके सुझाए फॉर्मूले पर चलते हुए प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारी तथा आंदोलनरत किसान समझौते पर सहमत हो सकते हैं।
ऐसा बहुत कम होता है जब किसी आंदोलन को समाप्त कराने में कोई पुलिस अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करे। आमतौर पर पुलिस अधिकारी शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा आवश्यक होने पर आंदोलन को कुचलने या आंदोलकारियों को डराने-धमकाने का ही काम करते हैं।
आमतौर पर दिखावे से दूर रहकर अपने काम में व्यस्त रहने वाली गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरनारत किसानों के बीच लोकप्रिय होकर उभरी हैं। उनपर किसान नेताओं का पूरा भरोसा है। समझा जाता है कि पिछले फेज में आंदोलन समाप्त कराने की भूमिका भी उन्होंने ही तैयार की थी। किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए हाई पावर कमेटी बनाने का सुझाव उन्हीं का बताया जाता है।
किसान नेता डॉ रूपेश वर्मा इस बात की पुष्टि करते हैं।तब आंदोलन समाप्त हो गया था परंतु प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के असहयोग और शासन की हठधर्मिता से वह समझौता परवान नहीं चढ़ पाया और आंदोलन फिर शुरू हो गया।
इस बार प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस किसानों के साथ कोई जबरदस्ती करने के लिए तैयार नहीं हैं। प्राधिकरण के नये सीईओ रवि कुमार एनजी भी किसानों के मुद्दों पर सार्थक प्रयास करने का संकेत दे रहे हैं। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका का अंदाजा दो घटनाओं से लगाया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा के नये सीईओ रवि कुमार एनजी ने पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले लक्ष्मी सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया परंतु दोनों अधिकारियों के बीच इस मुलाकात का मुख्य विषय किसान आंदोलन ही था।
आज शुक्रवार को किसान प्रतिनिधियों के साथ सांसद सुरेंद्र नागर व जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की मध्यस्थता में प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारियों की जो बैठक हुई है उसकी अध्यक्षता पुलिस कमिश्नर ने की है। इस बैठक में स्वयं प्राधिकरण सीईओ व जिलाधिकारी उपस्थित थे।संभवतः यह पहला अवसर है जब किसी पुलिस अधिकारी ने ऐसे मामले में आईएएस अधिकारियों के ऊपर बैठक की अध्यक्षता की है। हालांकि आईपीएस होने के बावजूद लक्ष्मी सिंह जनपद में नियुक्त सभी अधिकारियों से वरिष्ठ हैं। उनकी पहल से किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण रहने तथा उसके सर्वमान्य समझौते पर पहुंचने की उम्मीद जगी है।