सियोल। उत्तर कोरिया ने बातचीत से पहले परमाणु हथियार को नष्ट करने और मिसाइल कार्यक्रम बंद करने की अमेरिकी शर्त को अस्वीकार करते हुए मांग की है कि उसे परमाणु संपन्न देश घोषित किया जाए।
कोरियाई प्रायद्वीप में कई हफ्तों से जारी तनाव और परमाणु हमले की धमकी के बीच हाल ही में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को परमाणु कार्यक्रम बंद कर बातचीत का प्रस्ताव दिया था।
अखबार रोडोंग सिनमन ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले कहा है कि यह बात बिल्कुल निराधार और अस्वीकार्य है कि उत्तर ने अमेरिका और दक्षिण की शर्ते मान ली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि उत्तर अमेरिका के साथ बातचीत की टेबल पर बैठा तो यह परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच बातचीत होगी, न कि परमाणु हथियार नष्ट करने के लिए एकतरफा दबाव बनाने के लिए।
इस बीच, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा है कि इस महीने उत्तर को यह दर्शाने की जरूरत है कि वह परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने के बारे में गंभीर है और तभी बातचीत का कोई सार्थक परिणाम भी निकलेगा।
गौरतलब है कि उत्तर ने 2005 में परमाणु निरस्त्रीकरण के मसौदे पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन उसने वायदा तोड़ते हुए फरवरी में तीसरा परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने उस पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध की परवाह किए बिना उत्तर ने इस महीने चौथा परीक्षण भी किया था।
प्रतिबंध और अमेरिका व दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास से बौखलाए उत्तर ने दोनों देशों के खिलाफ परमाणु हमला की धमकी दी थी। लेकिन अब पिछले गुरुवार को उसने दोनों देशों को बातचीत की शर्तो से संबंधित सूची भेजी है जिसमें प्रतिबंध हटाने और भविष्य में प्रायद्वीप में अमेरिका व दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास न करने की शर्ते शामिल हैं। वहीं, अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया पहले परमाणु हथियार नष्ट करने की हामी भरे तभी बातचीत हो सकती है।