दिल्ली के दंगो में भले ही आपसी कटुता समाज में दिखी लेकिन सामाजिक ताना बाना अभी बिखरा नहीं है I इसी सामाजिक ताने बाने के कारण कहा जा रहा है की ये दंगे दिल्ली के लोगो की नहीं बल्कि PFI जैसे संगठनो के पैसे से आये बाहरी मुसलमानों और राजनेताओ का है
दिल्ली में नफरत के तांडव के बाद हिंदू-मुस्लिम एकता की कुछ तस्वीरें सुकून देने वाली हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अशोक नगर में करीब 40 मुस्लिमों के लिए उनके हिंदू पड़ोसी सहारा बने हैं। मंगलवार को जब भीड़ ने इनके घर फूंक दिए तो जान बचाकर भागे लोगों के लिए इन हिंदुओं ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए।
मुस्लिम परिवारों को सहारा देने वाले पिंटू कहते हैं, ‘जो भी हो जाए हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हम भी हिंदू हैं, लेकिन उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की सोच भी नहीं सकते हैं। कुछ दुकानें जिनमें आग लगाई गई, वह इन परिवारों की थीं। अब उनका घर और रोजी-रोटी का साधन बर्बाद हो चुका है। संकट की इस घड़ी में हम उन्हें अकेले नहीं छोड़ सकते हैं।’