मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में हुई घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए चौबीस घंटे के दौरान अलग-अलग विभागों के 21 अफसरों को बर्खास्त कर दिया।
इनमें चार एसडीएम, एक क्षेत्राधिकारी, एक डीएफओ समेत वन विभाग के चार अधिकारी, 12 सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबिल, कांस्टेबिल शामिल हैं।
इसके साथ ही उन्होंने अफसरों और कर्मचारियों को किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश देते हुए कहा है कि कर्तव्य निर्वहन में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से खाद्यान एवं अन्य जरूरी वस्तुओं के वितरण के प्रकरणों में अनियमितता एवं शिथिलता बरतने के आरोपों में चार एसडीएम महेन्द्र कुमार मिश्रा (तहसील-भींटी, अम्बेडकरनगर), मनोज (तहसील-टांडा, अंबेडकरनगर), बलराम सिंह (तहसील-बिन्दकी, फतेहपुर) के साथ बिजनौर की नगीना तहसील के पूर्व उप जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह को निलम्बित कर दिया।
इसी तरह रिजर्व फारेस्ट नजीबाबाद, बिजनौर के सहायक वन संरक्षक/प्रभागीय वन अधिकारी ओपी अम्बष्ट, वन क्षेत्राधिकारी बढ़ापुर रेंज नजीबाबाद बिजनौर कालू राम मीणा , वन दरोगा मोतीलाल वन रक्षक कृपाल सिंह को जांच के बाद काम में शिथिलता पाये जाने के बाद निलंबित कर दिया।
इस वन क्षेत्र में लंबे समय से पेड़ों की अवैध कटान हो रही थी और इन अफसरों की मिलीभगत भी सामने आ रही थी। जांच समिति ने इन्हें दोषी पाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी को निलंबित कर दिया।
इसके साथ ही अलीगढ़ जिले के थाना बन्नादेवी थाना क्षेत्र में गुरुवार को प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ अभद्रता की घटना में पुलिस के क्षेत्राधिकारी नगर अरुण कुमार सिंह को नियमानुसार आचरण न करने का दोषी पाया जाने पर निलंबित कर दिया गया।
उनके साथ ही 38वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ के हेड कांस्टेबिल सोरन सिंह और गभाना थाने के कांस्टेबिल अनिल कुमार थाना गभाना को भी निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इन अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति उत्पीड़न अथवा अमर्यादित आचारण करने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसी क्रम में इन कर्मियों को निलम्बित किया गया है।
वहीं बिजनौर जिले के थाना अफजलगढ़ क्षेत्र में बीती 11/12 अप्रैल को हुई घटना में मुकदमा न लिखे जाने पर थानाध्यक्ष, उपनिरीक्षक रामजी लाल, उपनिरीक्षक राजसिंह एवं महिला आरक्षी सुखराज कौर को भी मुख्यमंत्री ने निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके दोनों उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। वहीं लखनऊ जिले के थाना हसनगंज क्षेत्र में बुधवार को एक युवक की हिरासत में हुई मौत की घटना को भी मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश दिए थे।
इन पर आरोप था कि इन्होंने हसनगंज थाने में युवक वीरेन्द्र मिश्र को पुलिस ने चाकू रखने के जुर्म में गिरफ्तार किया था। उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
बुधवार को ही इस घटना में प्रभारी निरीक्षक हसनगंज, मोहम्मद जावेद खां, उपनिरीक्षक शिवाकान्त त्रिपाठी, प्रभारी पुलिस चौकी मदेहगंज उपनिरीक्षक बृजेश कुमार सिंह, हेड कांस्टेबिल श्री राकेश कुमार, आरक्षी श्री मुनेश्वर बक्श, आरक्षी रामकृपाल पाण्डेय एवं संतरी पहरा पर नियुक्त आरक्षी रोहित कुमार थाना हसनगंज को निलम्बित कर दिया गया था। घटना के मजिस्टीरियल जांच के भी आदेश दिए गए हैं