सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिये कि मामले पर विचार किया जाएगा और एक बार दत्त की ओर से कोई ऐसी कोई अपील की जाती है तो उचित फैसला किया जाएगा.
फिल्म अभिनेता संजय दत्त को माफ करने की प्रेस परिषद प्रमुख मार्कण्डेय काटजू की अपील के बीच ये संकेत दिए गए हैं.
काटजू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से दत्त को माफ करने की अपील की है. दत्त मुंबई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के मामले में दोषी करार दिये हैं और गुरूवार को ही उच्चतम न्यायालय ने उन्हें सजा सुनायी है.
कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि राज्यपाल से यदि इस तरह की कोई अपील की जाती है तो वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्हें माफी देने का अधिकार है. हमें इस बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
उधर सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अधिकारी उचित स्तर पर मामले पर संज्ञान लेंगे.
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि न्यायमूर्ति काटजू उच्चतम न्यायालय के काफी प्रख्यात न्यायाधीश रहे हैं. वह जब किसी मुद्दे पर कोई राय रखते हैं तो सरकार के भीतर और बाहर बैठे लोग उस पर ध्यान देते हैं.
तिवारी ने कहा कि इस मुद्दे के कई पहलू हैं. उन्होंने यकीन जताया कि सरकार में बैठे लोग काटजू के बयान पर संज्ञान लेंगे और जरूरत पडी उचित कार्रवाई करेंगे.
काटजू ने पत्र लिखकर दत्त को माफी देने की अपील की
महाराष्ट्र के राज्यपाल के सत्यनारायणन को न्यायमूर्ति काटजू ने पत्र लिखकर दत्त को माफी देने की अपील की है. हथियार मामले में शीर्ष अदालत ने गुरूवार को ही दत्त की पांच साल के कारावास की सजा को बरकरार रखा है.
भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख का सुझाव हालांकि भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना को रास नहीं आया है.
काटजू की आलोचना करते हुए भाजपा सांसद बलबीर पुंज ने कहा कि काटजू भूल गये हैं कि अब वह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नहीं रह गये हैं. वह प्रेस परिषद के अध्यक्ष हैं.
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कानून के अनुरूप फैसला दिया है. उसके फैसले का सम्मान होना चाहिए अन्यथा ऐसी गलतफहमी हो जाएगी कि दो तरह के कानून होते हैं .एक गरीब के लिए और दूसरा मशहूर लोगों के लिए.
शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि दत्त ने खुद ही कहा है कि वह अदालत के फैसले का पालन करेंगे.
इस मुद्दे पर शिवसेना के रूख के बारे में पूछने पर देसाई ने कहा कि उनकी पार्टी जानना चाहती है कि जिन्होंने 20 साल पहले जान गंवाई, उनके बारे में क्या कहेंगे. अदालत ने फैसला दिया है और दत्त को उसका पालन करना चाहिए.