गंगापुर सिटी. तंत्र विद्या और अंधविश्वास के चक्कर में एक ही परिवार के 8 जनों ने जहर खा लिया। इनमें से पांच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन जने अचेत हो गए। इन्हें जयपुर रैफर किया गया। घटना की जानकारी लोगों को मिली तो वे स्तब्ध रह गए। हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल है कि आखिर विज्ञान के युग में कोई कैसे इस प्रकार अंधविश्वास में अपने पूरे परिवार की जान दांव पर लगा सकता है।मामला नसिया कॉलोनी का है।
सोमवार रात कंचन सिंह राजपूत और उसके परिवार के सभी सदस्यों ने भगवान शिव का आह्वान कर सशरीर साक्षात्कार करने के लिए हवन किया। इसके बाद भी उनके प्रकट नहीं होने पर सभी ने यह विचार कर मावे के लड्डू में जहर खा लिया कि यदि भगवान प्रकट नहीं होते हैं तो वे मौत को गले लगाकर उनके पास चले जाएंगे।
जहर मिले लड्डू खाने के बाद कंचन सिंह (45), उसकी पत्नी नीलम (40), पुत्री ड्रीमी (16), पुत्र प्रद्युम्न (11) और छोटे भाई दीपसिंह (40) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कंचन की मां भगवती, दीपसिंह का बेटा लव सिंह और भानजी रश्मि अचेत हो गए। लव सिंह को जेके लोन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस बीच, रश्मि को होश आया तो उसने पुलिस और एंबुलेंस को फोन करने के बाद पड़ोसियों को घटना की जानकारी दी। पड़ोसियों के सहयोग से पुलिस ने सभी को सामान्य चिकित्सालय पहुंचाया।
मंगलवार को एफएसएल टीम ने नमूने लिए। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया जहर से मौत होना सामने आया है।
बिना बताए अस्पताल से चली गई, फिर वापस आई बालिका
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती भगवती देवी तथा रश्मि की हालत स्थिर है। उधर, रश्मि गुरुवार दोपहर करीब 1:50 बजे वार्ड से लापता हो गई। मामले से अस्पताल प्रशासन सकते में आ गया। मेडिकल ज्यूरिष्ट व एसएमएस पुलिस चौकी को सूचना दी गई। हालांकि, शाम करीब चार बजे वह फिर अस्पताल आ गई। यह साफ नहीं हो सका कि वह इस बीच कहां रही।
मौत के आगे का भी बना रखा था कार्यक्रम : भानजी की शादी स्वर्ग में ही करने का उल्लेख
वीडियो रिकॉर्डिग में भगवान के अवतरित नहीं होने पर सायनाइड खाकर जान देने की बात तो है ही, पूरे परिवार ने मौत के बाद के कार्यक्रम के बारे में भी बताया है। वीडियो रिकॉर्डिग में उल्लेख है कि भानजी रश्मि की 12 अप्रैल को होने वाली शादी स्वर्ग में ही करेंगे।
खून से आहुतियां दीं, फिर हंसते-हंसते खा लिए जहरीले लड्डू
मृतक कंचन सिंह पेशे से फोटोग्राफर था। वह तंत्र-मंत्र में विश्वास करता था। उसने ईश्वर से साक्षात्कार की पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिग की। रोंगटे खड़े करने वाली इस रिकॉर्डिग में पूरी घटना का एक-एक पल दर्ज है। परिवार के सभी लोग हंसते-हंसते लड्डू में मिलाकर जहर खाते दिख रहे हैं। रिकॉर्डिग में अपने खून से भगवान शिव को कई बार नहलाने, खून में भिगोकर हवन में कई चीजों की आहुतियां देने, खून निकालने के लिए मेडिकल सीरिंज और उसका पूरा डिब्बा दिखाई दे रहा है।
रिकार्डिग में खुलासा है कि घटना से कुछ देर पहले तक भानजा संदीप हवन में था। दिल्ली में जरूरी काम होने के कारण कंचन व दीपसिंह उसे रेलवे स्टेशन तक छोड़कर आए थे। रिकार्डिग में कंचन कहता है कि वे संदीप की ट्रेन रवाना होने के बाद जहर खाएंगे ताकि कोई उस पर जहर खिलाकर पूरे परिवार को मारने का शक नहीं करे।
आत्महत्या महापाप, चाहे वह किसी कारण से हो : धर्माचार्य
मानवी जीव में तो खुद परमात्मा बसते हैं। जीव को खत्म करने का अधिकार सिर्फ उसी को है जो इसे पैदा करता है। तंत्र-मंत्र, किसी अन्य के बहकावे या तनाव में आकर इसे खत्म करना महापाप है। ऐसा मानना है शहर के प्रमुख धर्माचार्यो का।